ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के तत्वाधान में रविवार को बिहार के दरभंगा स्थित डीएमसीएच लेक्चर थियेटर में ‘‘बिहार की सियासत में उभरते रुझान’’ के विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान बीबीसी के पूर्व संपादक और ‘जनता का रिपोर्टर’ के एडिटर इन चीफ रिफत जावेद ने देश और बिहार में ताजा हालात को लेकर अपना नजरिया पेश किया।
अपने संबोधन में रिफत जावेद ने कहा कि हमारे राजनीतिक समझ के साथ मजाक किया जा रहा है। देश की विडंबना है कि जिन के नाम पर सियासत की जाती है उनके प्रति हमारे दिलों में कोई हमदर्दी नहीं होती है। देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाना है तो धर्म के झूठे सौदागरों से होशियार रहना होगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि हमारी आने वाली नस्ल हमसे सवाल करें, हमें सवाल करने की आदत डालनी चाहिए।
1990 के बाद पहली बार बिहार में सता रहा है डर
बिहार में पिछले कुछ दिनों से मॉब लिंचिंग की हुई घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए रिफत ने कहा कि वर्ष 1990 के बाद पहली बार मुझे अपने ही राज्य में डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि 1990 में जब बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को समस्तीपुर में रोका गया था, उस वक्त बिहार में डर का भय फैल गया था। उसके बाद इस वक्त जिस प्रकार से राज्य में मॉल लिंचिंग और अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं, एक बार फिर वही वातारण दिखाई दे रहा है।
रिफत ने कहा कि इस वक्त राज्य में भीड़ द्वारा लोगों को हत्या कर देना और महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं आम हो गई हैं। देश की ताजा हालात का जिक्र करते हुए कहा कि आजकल ट्रेन में सफर करने से डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे घर वाले ट्रेन में बिरयानी लेकर जाने की गुजारिश कर रहे थे, लेकिन मैंने मना कर दिया। रिफत ने कहा कि उन्होंने इसलिए मना किया, क्योंकि कहीं लोग बिरायनी को बीफ बताकर उन्हें और उनके परिवार की हत्या ना कर दें।
मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर की गोली मारकर हत्या
आपको बता दें कि जिस दिन रिफत जावेद दरभंगा के सेमिनार से लौट रहे थे, उसी दिन वह मुजफ्फरपुर के उस घटनास्थल से मात्र पांच मिनट पहले ही निकले थे, जहां पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके चालक की हत्या कर दी गई।गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के नगर थाना अंतर्गत अग्निशमन कार्यालय के समीप रविवार शाम आधुनिक स्वचालित हथियारों से लैस अज्ञात अपराधियों ने पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके ड्राइवर पर अंधाधुंध गोलीबारी कर उनकी हत्या कर दी।
विपक्ष के निशाने पर हैं सीएम नीतीश कुमार
मुजफ्फरपुर में इस दोहरे हत्याकांड के मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साधा। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में इस साल के तीन बड़े हत्याकांड का भी जिक्र किया।
तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर को दिन-दहाड़े AK-47 से मार दिया गया। नीतीश जी की नाकामियों से बिहार में AK-47 आम हथियार हो गया है।’ इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, समस्तीपुर में बिजनेसमैन की हत्या। पटना में व्यवसायी की हत्या। मोतिहारी में छात्र की हत्या।
मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर को दिन-दहाड़े AK-47 से मार दिया गया। नीतीश जी की नाकामियों से बिहार में AK-47 आम हथियार हो गया है।
* समस्तीपुर में बिजनेसमैन की हत्या
* पटना में व्यवसायी की हत्या
* मोतिहारी में छात्र की हत्याDouble Engine Govt = 300 Times Increased Murders & Crime
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 24, 2018
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में बिहार में सांप्रदायिक हिंसा, महिलाओं के साथ रेप और मॉब लिंचिंग की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। मुजफ्फरपुर आश्रय गृह की 34 लड़कियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद देश भर में सनसनी फैल गई। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग इलाकों में मॉब लिंचिंग, महिलाओं के साथ बलात्कार, छेडछाड़, अपहरण, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
इन आंकड़ों के आधार पर रिफत जावेद किया दावा
बिहार में पिछले बरस हर दिन जहां बलात्कार की तीन से ज्यादा घटनाएं हुईं, वहीं अपहरण के 18 से ज्यादा मामले हर रोज दर्ज किए गए। वहीं, इस वर्ष की पहली छमाही के आंकड़े भी कुछ ऐसे ही हैं। राज्य के पुलिस मुख्यालय से समाचार एजेंसी भाषा को मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले प्रकाश में आए। इनमें बलात्कार के 1199, अपहरण के 6817, दहेज हत्या के 1081, दहेज प्रताड़ना के 4873 और छेड़खानी के 1814 मामले शामिल हैं।
वर्ष 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले प्रकाश में आए। इनमें बलात्कार के 682, अपहरण के 2390, दहेज हत्या के 575, दहेज प्रताड़ना के 1535, छेड़खानी के 890 और महिला प्रताड़ना के 1611 मामले शामिल हैं। मुंबई स्थित टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस द्वारा गत 27 अप्रैल को सौंपी गई सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया।
वैशाली जिले के एक अल्पावास गृह में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया। गत 20 अगस्त को भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या के संदेह में एक महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाया गया। बिहार के कैमूर, जहानाबाद, नालंदा, सहरसा, दरभंगा आदि जिलों में लड़कियों के साथ छेड़खानी के वीडियो वायरल होने, अश्लील फोटो एवं वीडियो अपलोड करने के मामले भी सामने आए। अगर इन आंकड़ों पर नजर डालें तो रिफत जावेद का दावा बिल्कुल सहीं है।