सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद सबरीमाला मंदिर बुधवार (17 अक्टूबर) को पहली बार मासिक पूजा के लिए खोला जा रहा है। हालांकि यहां महिलाओं को प्रवेश ना देने को लेकर लगातार कई कोशिशें हो रही हैं। इससे पहले ही सबरीमाला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार माने जाने वाले निलाकल में तनाव जोरों पर हैं। मंगलवार को भक्तों ने ‘प्रतिबंधित’ उम्र वर्ग की महिलाओं को लेकर मंदिर की तरफ से जाने वाले वाहनों को रोक दिया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी उम्रवर्ग की महिलाओं के लिए इस मंदिर को पहली बार बुधवार से खोला जा रहा है।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले बुधवार सुबह पंबा की ओर जाने वाले सैंकड़ों श्रद्धालुओं और तांत्रि परिवार के एक सदस्य राहुल ईश्वर को पुलिस के रोके जाने के बाद निलक्कल में तनाव फैल गया। राहुल ईश्वर अपनी 90 वर्षीय दादी और सैंकड़ों श्रद्धालुओं के साथ आधार शिविर से प्रात: पवित्र पर्वत की ओर बढ़ रहे थे तभी निलक्कल में पुलिस ने उनको रोक दिया, जिसके बाद श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच झड़पें हुई।
‘रिपब्लिक टीवी’ की रिपोर्टर पर हमला
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अर्नब गोस्वामी के चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ की एक महिला रिपोर्टर पर हमला कर दिया। भीड़ द्वारा यह हमला सबरीमाला मंदिर के लाइव कवरेज के दौरान रिपब्लिक टीवी की दक्षिण भारत की ब्यूरो प्रमुख व सीनियर रिपोर्टर पूजा प्रसन्ना और क्रू मेंबर पर हुआ। लगभग 100 लोगों की भीड़ ने जानलेवा हमला किया। लोगों ने गाड़ी पर लात घूसे चलाए। यही नहीं कार के शीशों को भी तोड़ा गया।
इतना ही नहीं, भीड़ ने लाठी-डंडों से कार पर हमला किया। हमले के दौरान किसी तरह भीड़ से जान बचाकर रिपब्लिक टीवी की महिला पत्रकार समेत क्रू मेंबर वहां से निकले। नाराज गोस्वामी ने भगवान अयप्पा के भक्तों को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने का आरोप लगाया। लाइव टीवी पर ईश्वर हमेशा अर्नब के विचारों का समर्थन करते रहते हैं, लेकिन अपने रिपोर्टर पर हुए हमले के बाद वह उन्हीं पर भड़क गए।
गोस्वामी ने चिल्लाया हुए कहा कि मेरे संवाददाता पर क्यों हमला किया गया है? क्या आप चाहते हैं कि आपकी मां और बहन पर हमला किया जाए। आपको शर्म आनी चाहिए? ये भक्त हैं? ये किस प्रकार के भक्त हैं? वे अपने चेहरे को ढकते हैं और महिलाओं पर हमला करते हैं। तुम्हे शर्म आनी चाहिए।” राहुल ईश्वर ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज करूंगा।
न्यूज चैनल द्वारा दिखाए जा रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक कार में रिपब्लिक टीवी की दक्षिण भारत की ब्यूरो प्रमुख पूजा प्रसन्ना बैठी हुई हैं। इस दौरान 50-60 की संख्या में प्रदर्शकारी रिपोर्टर और उनकी टीम पर हमला कर दिया। यह हमला काफी हिंसक था, जिसमें रिपोर्टर की जान भी जा सकती थी। कार को प्रदर्शनकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसका अलावा सीएनएन न्यूज 18 की रिपोर्टर पर भी जानलेवा हमला किया है। इसके अलावा इंडिया टुडे और आजतक सहित कई मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया गया है।
#BREAKING – CNN-News18 crew attacked in Nilakkal. Group of protesters attack and vandalise car in which @radhika1705 and other crew members were travelling.
Inputs by @AnchorAnandN. | #SabarimalaForAll pic.twitter.com/IpnTCrGQs1
— News18 (@CNNnews18) October 17, 2018
पुलिस ने महिलाओं को हटाया
एक तरफ केरल सरकार जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खड़ी है, वहीं बड़ी संख्या में संगठन व लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सबरीमाला मंदिर में रजस्वला लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल में बुधवार की सुबह माहौल तनावपूर्ण हो गया।
निलक्कल और पंबा में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति का विरोध कर रहे त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सहित 50 लोगों को हिरासत में लिया गया। सबरीमाला पहाड़ी से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह ‘सबरीमाला आचार संरक्षण समिति’ के तंबू आदि भी हटा दिए हैं।
अयप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कुछ श्रद्धालु धरना दे रहे हैं और अयप्पा मंत्र का जाप कर रहे हैं। बुधवार तड़के जब प्रदर्शनकारियों ने मंदिर तक जाने के मुख्य रास्ते पर बसों को रोकने का प्रयास किया तो पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही वहां बेहद कम संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी भाग निकले।
मासिक पूजा के लिए मंदिर खुलने से कुछ घंटे पहले पुलिस ने कहा कि वह किसी को भी लोगों के आने-जाने में अवरोध पैदा नहीं करने देगी। निलक्कल का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेते हुए पुलिस ने अयप्पा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के रास्ते में अवरोध पैदा करने वालों को चेतावनी दी। प्रदर्शनकारियों में कुछ ने पम्बा जाने वाले वाहनों को जांचा और उनमें सवार 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर जाने से रोक दिया, इस पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की।
भगवान अयप्पा स्वामी मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल पर महिला पुलिसकर्मियों सहित करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात हैं। इस बीच पम्बा में श्रद्धालुओं के एक अन्य समूह ने गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जताया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर के दरवाजे पहली बार बुधवार की शाम खुलने वाले हैं। पांच दिन की मासिक पूजा के बाद यह 22 अक्टूबर को फिर बंद हो जाएंगे।