पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कथित तौर पर धोखाधड़ीपूर्ण कारोबार करने के दस साल पुराने एक मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज और 12 अन्य पर शेयरों में वायदा एवं विकल्प डेरिवेटिव कारोबार करने पर एक साल की रोक लगा दी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी ने इसके साथ ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को करीब 1,000 करोड़ रपये के भुगतान करने का भी आदेश दिया है।
पीटीआई की ख़बर के मुताबिक, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि वह सेबी के इस आदेश को चुनौती देंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज को सेबी ने इस मामले में 447 करोड़ रपये की मूल राशि और उस पर 29 नवंबर 2007 से अब तक 12 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करने को कहा गया है। इस हिसाब से कंपनी को कुल करीब 1,000 करोड़ रपये का भुगतान करना होगा।
#Sebi imposes 1-yr ban on #RelianceIndustries, 12 others in #equity derivatives trading.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 24, 2017
यह मामला रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम से जुड़ा है। रिलायंस पेट्रोलियम अब अस्तित्व में नहीं है। मामला रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों में वायदा एवं विकल्प एफ एण्ड ओ वर्ग में कथित तौर पर धोखाधड़ीपूर्ण कारोबार करने से जुड़ा है।
#Sebi also asks #RIL to disgorge Rs 447 crore plus interest in 10-year-old case involving erstwhile listed arm #ReliancePetroleum.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 24, 2017
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी. महालिंगम द्वारा जारी 54 पन्ने के आदेश में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आरआईएल और 12 अन्य इकाइयों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तरीके से शेयर बाजारों में एक साल तक वायदा एवं विकल्प कारोबार करने से रोक लगा दी गई है।