निजता का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार का यूं बदला स्टैंड, रविशंकर प्रसाद हुए ट्रोल

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित किए जाने के ऐतिहासिक फैसले को केंद्र सरकार के लिए झटके के तौर पर की जा रही है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मीडिया के सामने आए और फैसले का स्वागत किया किया। लेकिन विपक्ष मोदी सरकार पर यूटर्न लेने का आरोप लगा रही है।दरअसल, इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार ने अपनी दलीलों में जोर देकर कहा था कि निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता। जबकि, प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार निजता के हक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्‍वागत करती है। यही नहीं उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने डेटा सुरक्षा के लिए एक बड़ी शक्‍तिशाली कमिटी भी बनाई है।

उन्होंने कहा कि यूपीए बिना किसी कानून के आधार को ले आई थी। हमने आधार को कानूनी जामा पहनाया। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं निजी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने क्या किया? उन्होंने अपना आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि इसमें बायॉमेट्रिक डेटा दर्ज है, लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित है। डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार ने कानूनी उपाय किए हैं। प्रसाद ने यूपीए पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने आधार को कानूनी सुरक्षा तक नहीं दी थी।

उन्होंने ट्विटर पर भी लिखा कि सरकार चाहती थी कि निजता के हक को मौलिक अधिकार माना जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उस बात की पुष्टि की है जो सरकार ने संसद में आधार विधेयक को पेश करने के दौरान कहा था। निजता को मौलिक अधिकार होना चाहिए लेकिन इसे तर्कसंगत पाबंदी के अधीन होना चाहिए।

कानून मंत्री ने कहा कि फैसला पढ़े बिना सुबह से हमें सिविल लिबर्टी की दुहाई दी जा रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसी बात को पुष्ट किया है जो संसद में आधार बिल लाते समय सरकार ने कही थी। उन्होंने कहा कि वैयक्तिक स्वतंत्रता की रक्षा को लेकर कांग्रेस का रिकॉर्ड कैसा है यह इमरजेंसी के दौरान दिखा था।

जबकि विपक्ष मोदी सरकार इस मामले में यूटर्न का आरोप लगा रही है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, निजता के अधिकार पर सरकार के यू-टर्न की कोशिश वाली सरकारी मूर्खता मोदी और शाह की चुप्पी से और बढ़ गई है। साथ ही केंद्रीय मंत्री द्वारा पटली मारे जाने पर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया जा रहा है।

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