इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अहमदाबाद यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने से किया इनकार, RSS के छात्र संगठन ABVP ने देशविरोधी बता किया था विरोध

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प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने गुरुवार (1 नवंबर) को कहा है कि वो गुजरात स्थित अहमदाबाद यूनिवर्सिटी से नहीं जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्थितियां काबू से निकल जाने की वजह से वह यूनिवर्सिटी ज्वाइन नहीं कर रहे। आपको बता दें कि दो सप्ताह पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने उनकी नियुक्ति का विरोध किया था और यूनिवर्सिटी ने यह प्रस्ताव वापस लेने की मांग की थी।

File photo: THE HINDU

16 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी ने गुहा की स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेस के बतौर प्रोफेसर और गांधी विंटर स्कूल में डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति की थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया था। यूनिवर्सिटी के ऐलान के बाद 19 अक्टूबर को एबीवीपी ने इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।

गुहा ने एक ट्वीट करके जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, “उन कारणों से जो कि मेरे नियंत्रण से बाहर हैं, मैं अहमदाबाद यूनिवर्सिटी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं। यूनिवर्सिटी को मेरी शुभकामनाएं। उनके पास अच्छे शिक्षक हैं और बढ़िया वाइस चांसलर भी। मैं दुआ करूंगा कि गांधी की भावना एक बार फिर उनके गृह राज्य गुजरात में जीवित हो।”

एबीवीपी के शहर सचिव प्रवीण देसाई ने अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि हमने अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार बीएम शाह को एक ज्ञापन सौंपा था। हमने कहा था कि हमें हमारे शैक्षिक संस्थानों में प्रबुद्ध जनों की जरूरत है, राष्ट्रविरोधियों की नहीं। इन्हें शहरी नक्सली भी कहा जा सकता है। हमने रजिस्ट्रार के सामने गुहा की किताबों में छपी देश विरोधी बातें भी रखीं। हमने उन्हें बताया कि जिस शख्स को आप बुला रहे हैं, वो एक कम्युनिस्ट है। अगर उन्हें गुजरात बुलाया जाता है तो जेएनयू की तरह ही एक देश विरोधी भावना पनप सकती है।’

 

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