दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के बिजनेस कम्युनिकेशन के किताब में छात्रों को ‘स्कर्ट की तरह छोटा’ ईमेल लिखें जाने की सलाह देने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ था, जिसके बाद गुजरात में छात्रों को हिंदी के किताब में पढ़ाए जा रहे एक शब्द को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। गुजरात सरकार के एक स्कूल में क्लास 9वीं के हिंदी की किताब में ईसाई समुदाय के आरार्ध्य भगवान ‘ईसा मसीह’ को ‘हैवान’ जैसे शब्दों से संबोधित किया गया है। लेकिन उन सब के बाद अब राजस्थान की वसुंधरा सरकार भी बच्चों की किताबों को लेकर विवादों में आ गई है।
जनसत्ता कि ख़बर के मुताबिक, बीजेपी शासित राज्य राजस्थान में 12वीं की राजनीति शास्त्र की किताब में पीएम मोदी का गुणगान किया है, किताब में मोदी सरकार की इस पहल की तारीफ की गई है। सरकार ने इस किताब में दावा किया है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी का फैसला ऐतिहासिक है और इसके जरिए देश में ‘काले धन की सफाई का अभियान’ चलाया गया। किताब में नोटबंदी के उद्देशयों के बारे में लिखा गया है कि इससे देश में भ्रष्टाचार खत्म होगा।
हाल ही में प्रकाशित किताब में यह भी लिखा गया है कि देश के कम पढ़े-लिखे लोग और अनपढ़ लोग कैशलेस इकॉनोमी की राह में सबसे बड़े रोड़े हैं। यह किताब पूरे राजस्थान के हजारों स्कूलों के लाखों बच्चों को पढ़ाया जाएगा। साथ ही इस किताब में लिखा है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन बहुत ही सरल माध्यम है और देश की विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए अहम है।
ख़बर के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राज्य सरकार से इसे संशोधित कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार अपने राजनीतिक एजेंडजे को बच्चों पर थोपना चाहती है और राज्य में एकैडमिक माहौल को खत्म करना चाहती है। गौरतलब है कि, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए 8 नवम्बर 2016 को पीएम मोदी ने नोटबंदी का फैसला लिया था और जिसके बाद देशभर में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट प्रचलन से बाहर हो गए थे।