कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार (3 अगस्त) को 20वीं शताब्दी की शुरुआत के सबसे प्रमुख व लोकप्रिय लेखकों में से एक मुंशी प्रेमचंद के आलेख के एक अंश का उदाहरण देते हुए कहा कि सांप्रदायिकता हमेशा संस्कृति की दुहाई देती है।

प्रेमचंद को सम्मान देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सांप्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है। उसे अपने असली रूप में निकलने में शायद लज्जा आती है, इसलिए वह उस गधे की भांति, जो सिंह की खाल ओढ़कर जंगल में जानवरों पर रौब जमाता फिरता था, संस्कृति का खोल ओढ़कर आती है। हिंदुस्तान के महानतम लेखक मुंशी प्रेमचंद की याद को प्रणाम।’
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष ने जिस आलेख के हिस्से को ट्वीट किया है। वह मुंशी प्रेमचंद्र के ‘सांप्रदायिकता और संस्कृति’ शीर्षक के आलेख से लिया गया है। प्रेमचंद ने इसे 1934 में लिखा था।
सांप्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती हैl उसे अपने असली रूप में निकलने में शायद लज्जा आती है, इसलिए वह उस गधे की भांति, जो सिंह की खाल ओढ़कर जंगल में जानवरों पर रौब जमाता फिरता था, संस्कृति का खोल ओढ़कर आती हैl
हिंदुस्तान के महानतम लेखक मुंशी प्रेमचंद की याद को प्रणाम l
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 3, 2018
बता दें कि राहुल गांधी आम सभाओं के अलावा सोशल मीडिया के जरीए भी मोदी सरकार पर निशाना साधते रहते है। मोदी सरकार के साथ-साथ आजकल व बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोल रहे हैं।