राफेल विमान सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है। राफेल सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार हमला बोल रहे है। राहुल गांधी ने रविवार(23 सितंबर) को एक बार फिर राफेल विमान सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने की मांग की।

राहुल गांधी ने अरुण जेटली द्वारा राफेल विमान सौदे में भारत की निजी कंपनी को साझेदार के रूप में चुनने के मसले पर सरकार के हालिया बचाव को खारिज किया और कहा कि जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोलना बंद करें और सौदे की जांच जेपीसी से कराने के आदेश दें।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी ने रविवार को अरूण जेटली पर पलटवार किया और कहा कि समय आ गया है, अब वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ‘झूठ बोलना बंद करें।’ इसके साथ ही राहुल ने सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच पर बल दिया। उन्होंने जेटली पर आरोप लगाया कि जेटली को ‘सच और झूठ को घुमाने’ में महारत हासिल है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘श्री जेटली को सच या झूठ को घुमाने में महारत हासिल है। उनका सच झूठा होता है और वह उसके बचाव में उतरते हैं जिसका बचाव करना असंभव होता है।’ उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट को भी टैग किया है जिसमें जिक्र किया गया है कि किस प्रकार पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फांस्वा ओलांद के आरोपों ने राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार को प्रभावित किया है।
Mr Jetlie’s speciality is his ability to spin “2 truths”, or lies, with fake self righteousness & indignation to defend the indefensible. It’s high time he, the RM & our PM stop lying and call a JPC to establish the full, uncorrupted truth about the #RafaleScam. pic.twitter.com/iQxrV5ooN5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 23, 2018
दरअसल फ्रांस्वा ओलांद ने मीडियापार्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि राफेल सौदे में रिलायंस का नाम खुद भारत सरकार ने सुझाया था। उनके इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों के आरोपों को बल मिला और उन्होंने सरकार पर हमलावर तेवर अख्तियार कर लिए है। पीएम मोदी पर राहुल गांधी और कांग्रेस ने हमला तेज करते हुए उनके इस्तीफे तक की मांग कर दी है।
इसी बीच, जेटली ने समाचार एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू में राहुल गांधी के एक पुराने ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही कैसे पता था कि ओलांद ऐसा बयान देंगे। जेटली ने कहा है कि ओलांद के बयान परस्पर विरोधी हैं। जेटली ने कहा कि ओलांद के बयान और राहुल गांधी के ट्वीट योजनाबद्ध तरीके से सामने आए हैं। जेटली ने ओलांद के बयान और राहुल के ट्वीट में एक कनेक्शन होने की ओर इशारा किया है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं होगी, अगर यह सब पहले से ही सुनियोजित निकलेगा। क्योंकि, 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ‘पेरिस में कुछ धमाके होने वाले हैं’ और उसके बाद वही हुआ जैसा कि उन्होंने कहा था।’ जेटली ने कहा, ‘राहुल गांधी को कैसे मालूम कि फ्रांस से ऐसा बयान ऐसा बयान आने वाला है। ये जो जुगलबंदी है, इस पर मेरे पास सबूत नहीं हैं लेकिन मन में सवाल खड़े हो रहे हैं।’
साथ ही वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस और राहुल के इन आरोपों के बावजूद राफेल सौदा रद्द नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी की चुप्पी पर भी जेटली ने कहा कि जिन्हें बोलना है वे बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल इसलिए कि कोई असत्य का सहारा ले सकता है, इस तरह की बहस में पीएम के हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है। जेटली ने राहुल गांधी पर तंज कसा है साथ ही उनकी भाषा को लेकर भी सवाल उठाए हैं।
‘जनता का रिपोर्टर’ ने किया था खुलासा
‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल सौदे को लेकर तीन भागों (पढ़िए पार्ट 1, पार्ट 2 और पार्ट 3 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद कांग्रेस और राहुल गांधी यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार हर विमान को 1670 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत पर खरीद रही है, जबकि संप्रग सरकार के दौरान 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से 126 राफेल विमानों की खरीद की बात चल रही थी। साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।