जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ आज तीसरे दिन भी यहां मरीना और तमिलनाडु के अन्य इलाकों में भारी विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
मुख्यमंत्री की प्रदर्शन वापस लेने की अपील को दरकिनार करते हुए हजारों स्वयंसेवक राज्य में सांडों को काबू करने के वाषिर्क खेल को आयोजित करवाने की अपनी मांग पर दृढ़ रहे। उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया आने तक उन्होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
भाषा की खबर के अनुसार, अलंगनल्लूर जहां आमतौर पर जल्लीकट्टू आयोजित किया जाता है सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में आंदोलन जारी रहा जहां छात्रों समेत कई अन्य लोग इसका हिस्सा बने।
कल पनीरसेल्वम और अन्नाद्रमुक की महासचिव वी के शशिकला ने जल्लीकट्टू आयोजित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने आज नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री से, अध्यादेश पारित करने की मांग को लेकर, मुलाकात भी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शशिकला ने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार तमिलनाडु विधानसभा के आगामी सत्र में इस प्रस्ताव को पेश करेगी और सभी पार्टियों के समर्थन से इसे एकमत से पारित करवाएगी।
प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट कर पनीरसेल्वम से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जलीकट्टू पर लगाए गए बैन का मामला चर्चा के लिए आया। हम जलीकट्टू के सांस्कृतिक महत्व को समझते हैं, लेकिन यह मामला फिलहाल न्यायालय के पास है।
While appreciating the cultural significance of Jallikattu, the Prime Minister observed that the matter is presently sub-judice.
— PMO India (@PMOIndia) January 19, 2017