राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ में किए गए इस दावे को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है कि ‘नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने के छह महीने के भीतर ही उसमें वापसी करना चाहते थे’। बिहार के वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा के साथ मिलकर लिखी गई इस किताब में लालू ने दावा किया है कि नीतीश ने उस दौरान प्रशांत किशोर को उनके पास पांच बार भेजा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
इधर, पुस्तक में लालू यादव के किए गए दावे को निराधार बताते हुए बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि लालू खुद को चर्चा में बनाए रखने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं।हालांकि, किशोर ने यह स्वीकार किया है कि जद (यू) में शामिल होने से पहले उन्होंने लालू प्रसाद से कई बार मुलाकात की थी।
जद (यू) के उपाध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, ‘लालू यादव का दावा झूठा है। यह एक नेता के चर्चा में रहने का यह केवल घटिया प्रयास है जिसके अच्छे दिन गुजर चुके हैं। हां, मेरे जेडीयू में शामिल से होने से पहले हम कई बार मिले थे लेकिन मैं अगर यह बता दूं कि किन बातों पर चर्चा हुई थी तो वह (लालू यादव) बुरी तरह से शर्मिंदा हो जाएंगे।’
The claims made by Laluji as reported are BOGUS. This is nothing but a poor attempt seeking relevance by a leader whose best days are behind him.
Yes, we did meet many times before I joined JDU, but if I were to tell what all was discussed then he would be quite embarrassed. https://t.co/9B5clUBxea
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019
इधर, प्रशांत किशोर द्वारा लालू की पुस्तक में लिखे गए बयान पर ट्वीट कर दी गई प्रतिक्रिया के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी प्रसाद ने कहा कि प्रशांत किशोर बिना मतलब किसी से मिलने जाते हैं, क्या? उन्होंने कहा, ‘पुस्तक में लिखी बातें एक सौ प्रतिशत सही हैं। नीतीश कुमार पुन: महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे, जिसके लिए कई प्रकार के ऑफर भी दिए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के छह महीने बाद ही वे फिर से गठबंधन में आना चाहते थे।
तेजस्वी प्रसाद के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, “तेजस्वी आज भी लोगों के लिए आपकी पहचान और उपलब्धि बस इतनी है कि आप लालूजी के लड़के हैं। इसी एक वजह से पिता की अनुपस्थिति में आप RJD के नेता हैं और नीतीश जी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे। पर सही मायनों में आपकी पहचान तब होगी, जब आप छोटा ही सही पर अपने दम पर कुछ करके दिखाएंगे।”
.@yadavtejashwi आज भी लोगों के लिए आपकी पहचान और उपलब्धि बस इतनी है कि आप लालूजी के लड़के हैं।
इसी एक वजह से पिता की अनुपस्थिति में आप RJD के नेता हैं और नीतीशजी की सरकार में DyCM बनाए गए थे। पर सही मायनों में आपकी पहचान तब होगी, जब आप छोटा ही सही पर अपने दम पर कुछ करके दिखाएंगे https://t.co/soOAuJKktT
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019
गौरतलब है 2017 में तेजस्वी यादव के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ नई सरकार बना ली थी। रूपा पब्लिकेशन इंडिया से प्रकाशित इस पुस्तक का अभी लोकर्पण होना है। पुस्तक के लेखक नलिन वर्मा से पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी पुस्तक का लोकर्पण होना शेष है, जो भी बातें सामने आई है, वह सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि मात्र इतनी ही बातें पुस्तक में नहीं हैं, इसमें बहुत कुछ है।