देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मामले में बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला है। बता दें कि, बुधवार को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि 15 से अधिक राज्यों में गैर-भाजपाई मुख्यमंत्री हैं और ये ऐसे राज्य हैं जहां देश की 55 फ़ीसदी से अधिक जनसंख्या है। उन्होंने आगे कहा कि आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं!
गृह मंत्री अमित शाह के बुधवार को असम की तर्ज पर पूरे देश में एनआरसी तैयार करने की कवायद किए जाने के बयान के बाद प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी की है।
15 plus states with more than 55% of India’s population have non-BJP Chief Ministers. Wonder how many of them are consulted and are on-board for NRC in their respective states!!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) November 20, 2019
बता दें कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा था कि अवैध लोगों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय भारतीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होगा और इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
अमित शाह के बयान के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को आश्वस्त किया कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की इजाजत नहीं देंगी। बनर्जी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे।
कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता है। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा। पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने से पहले भाजपा को यह बताना चाहिए कि 14 लाख हिंदू और बंगालियों का नाम असम में एनआरसी सूची में क्यों नहीं है।