जम्मू-कश्मीर घाटी में सोमवार को सभी नेटवर्क की पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई। पाबंदियों के चलते बीते 72 दिन से यह सेवा ठप पड़ी थी। सोमवार को दोपहर तक करीब 40 लाख मोबाइल फोन पर पोस्टपेड सेवा काम करने लगी।
जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार द्वारा खत्म किए जाने और प्रदेश को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद पांच अगस्त से यहां पाबंदियां लगा दी गई थी। आने वाले 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।
घाटी में 17 अगस्त तक लैंडलाइन की आंशिक सेवा बहाल की गई थी और चार सितंबर तक करीब 50,000 लैंडलाइन को शुरू करने की घोषणा की गई थी। जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवा अगस्त मध्य से बहाल हो गई थी। मोबाइल सेवा इससे भी पहले चालू हो चुकी थी। हालांकि, दुरुपयोग होने के बाद 18 अगस्त को मोबाइल पर इंटरनेट सुविधा को फिर से बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने बीती 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर मिला हुआ विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर और इसको दो भागों में बांट दिया है। केंद्र सरकार का दावा है कि इस फैसले राज्य की जनता की स्थिति और बेहतर होगी साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा। इस फैसले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने साथ ही कई अहम कदम भी उठाए। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती, मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक और राज्य के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।
सरकार की दलील थी कि नेताओं की बयानबाजी से हालात बिगड़ सकते हैं और साथ में इंटरनेट सेवाओं का आतंकवादी गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही राज्य में स्कूल और कॉलेजों को भी सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था। (इंपुट: भाषा के साथ)