जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू ) में कथित देशविरोधी नारे लगाने के विवाद में सोमवार (11 मार्च) को पटियाला कोर्ट में सुनवाई के एक नया खुलासा हुआ। कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ कथित राजद्रोह मामले में अभी तक मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं मिल पाई है। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि जब सरकार से उन्हें मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं मिली थी तो चार्जशीट फाइल करने की इतनी जल्दी क्या थी?

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अदालत से कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 2016 के राजद्रोह के एक मामले में मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों से अभी तक जरूरी अनुमति नहीं मिली है। दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने पुलिस से कहा कि वह मंजूरी हासिल करने के बाद आरोप पत्र दाखिल कर सकती थी। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप (पुलिस) मंजूरी हासिल करने के बाद इसे दायर कर सकते थे। जल्दबाजी क्या थी? मैं मामले में आगे बढ़ सकता हूं।’’ पुलिस ने अदालत को बताया कि मंजूरी मिलने में दो से तीन महीने लगेंगे। अदालत ने इस मामले से जुड़े पुलिस उपायुक्त से भी रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई 29 मार्च को की जाएगी। अदालत ने पूर्व में कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी हासिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए पुलिस से संबंधित अधिकारियों को प्रक्रिया को तेज करने को कहने का निर्देश दिया था।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए पूर्व छात्रों कन्हैया कुमार के अलावा उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में अन्य आरोपियों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट, बशरत को भी आरोपी बनाय गया है। वह कार्यक्रम संसद हमला मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था।