उत्तर प्रदेश के बागपत प्रशासन ने बड़ौत इलाके में एक हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटा दिया। ख़बरों के मुताबिक, बुधवार की रात को यूपी पुलिस ने इन किसानों को यहां से हटाया। किसानों को हटाए जाने को लेकर यूपी पुलिस ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के एक नोटिस का हवाला दिया है, जिसमें निर्माण गतिविधि में देरी होने की बात की गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बागपत में बीती रात पुलिस का प्रदर्शन कर रहे किसानों पर डंडा चलाया और उन्हें वहां से भगा दिया। यहां 19 दिसंबर से धरना दे रहे किसानों की आधी रात को खेदड़ दिया गया। ये किसान दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर धरना दे रहे थे। बुधवार रात की इस घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें पुलिस टेंट में बैठे लोगों को भगाती हुई नज़र आ रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि उसने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक नहीं हटाया है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, बागपत के ADM अमित कुमार सिंह ने कहा, ‘NHAI ने हमें एक लेटर लिखा था, जिसमें यहां पर किसानों के प्रदर्शन के चलते सड़क निर्माण गतिविधि में देरी होने की बात कही गई थी। हमने किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शनस्थल से हटा दिया है।’
Police remove protesting farmers from protest site at Baghpat
"NHAI wrote letter requesting for completion of their work which was being delayed by protesting farmers. We've peacefully removed protesters from the site," says Amit Kumar Singh, ADM Baghpat pic.twitter.com/SMRX8yVvUd
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2021
उन्होंने कहा कि हम यहां आए और शांति से प्रदर्शन स्थल को खाली कराया। हमने किसी तरह के बल का प्रयोग नहीं किया। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कि क्या कार्रवाई के दौरान कोई घायल हुआ है? एडीएम अमित कुमार ने बताया कि कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ है और प्रदर्शन स्थल खाली कराने के लिए बल प्रयोग नहीं किया गया है।
Latest visuals from Baraut area in Baghpat where police removed the agitating farmers last night.
Baghpat ADM said, "NHAI wrote a letter requesting for completion of their work which was being delayed by protesting farmers." pic.twitter.com/7eyEENqzDF
— ANI UP (@ANINewsUP) January 28, 2021
गौरतलब है कि, 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा की चौतरफा निंदा हो रही है। हिंसा के बाद कई किसान नेताओं और संगठनों ने आंदोलन वापस ले लिया है। ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान कई जगह किसान और पुलिस के बीच झड़प हुई। हिंसा में कई पुलिसकर्मी और किसान घायल भी हुए।
किसानों की हिंसा से ऐतिहासिक लाल किले को नुकसान पहुंचा है। इस कारण ऑर्कियॉलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने लाल किले को आम जनता के लिए 31 जनवरी तक बंद कर दिया है। बता दें, हिंसा पर उतारू किसानों ने लाल किला स्थित पुलिस कंट्रोल रूम पर धावा बोल दिया था। इसके बाद पुलिस ने पहली बार लाल किले में डकैती का केस दायर किया है।