नोटबंदी पर जनता को हो रही परेशानियों की रिपोर्ट देना मोदी सरकार को नागावार गुज़र रहा है। इस तरह की खबरे दिखाने के लिए मोदी सरकार जल्द ही कोई एक्शन ले सकती है।
पीएमओ की तरफ से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और पत्र सूचना ब्यूरो यानी (पीआईबी) को नोटबंदी की नाकामी की टेलीविजन कवरेज को लेकर तलब किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय को लग रहा है पहले नोटबंदी की सकारात्मक खबर चैनल चला रहे थे लेकिन अब वो ही चैनल नकारात्मक खबरें दिखा रहे हैं।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, रेडिफ ने वरिष्ठ पत्रकार राजीव शर्मा के हवाले से लिखा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा पीआईबी को तलब किया तथा उन्हें कहा गया कि वे चैनल्स के साथ बातचीत करें और ‘संतुलित’ कवरेज के लिए प्रभावित करें।
हालांकि मंत्रालय और पीआईबी अधिकारियों को यह समझ नहीं आ रहा कि पीएमओ के निर्देशों पर अमल कैसे किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को राष्ट्र के नाम संबाेधन में 500, 1000 रुपए के पुराने नोट अमान्य घोषित किए थे।
जब पीएम ने नोटबंदी का ऐलान किया तो मीडिया में फैसले की वाहवाही देखने को मिली। दो दिन बैंक बंद रहने के बाद जब ख्ुाले तो लंबी कतारों ने मीडिया का ध्यान खींचा। कई जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने भी फैसले पर चिंता जताई है।