प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय सूचना आयोग से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के लाभों की गणना नहीं की जा सकती और वे आधिकारिक रेकॉर्ड का अंग भी नहीं होते।

न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, यह मामला आरटीआई आवेदक कीर्तिवास मंडल का है। जिन्होंने प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं, इन यात्राओं में लगाए गए समय, इनसे होने वाले फायदों व अन्य बातों के बारे में जून 2016 में जानकारी मांगी थी।
पीएमओ ने आवेदक को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा एवं उसमें हुए खर्च के बारे में जो जानकारी मांगी है, वह उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
आवेदक इसके बाद सीआईसी पहुंचा और उसने कहा कि उसे मिले उत्तर में कई सूचनाएं नहीं हैं, जैसे कि विदेश यात्रा में बिताए गए घंटे। उसने यह भी कहा कि उसे यह भी नहीं बताया कि वह कौन सा कोष था, जिससे प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा में धन व्यय किया गया।
पीएमओ ने 10 अक्टूबर 2017 को हुई सुनवाई में कहा कि विदेश यात्राओं से जनता को होने वाले लाभ की जहां तक बात है, आवेदक को यह सूचित किया गया है कि यह जानकारी आधिकारिक रेकॉर्ड का अंग नहीं है।
ख़बर के मुताबिक, मुख्य सूचना आयुक्त राधाकृष्ण माथुर ने कहा, प्रतिवादी (पीएमओ) ने कहा कि विदेश यात्राओं के लाभ की गणना नहीं हो सकती और यह उनके रेकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है। विदेश यात्रा में लगे घंटे भी रेकॉर्ड में नहीं हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला खर्च भारत की संचित निधि से व्यय होता है।