दुनिया की मशहूर मैगजीन ‘द इकनॉमिस्ट’ ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ भारत के कई राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। मैगजीन ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने अपनी कवर स्टोरी में कहा है कि नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन को बढ़ावा देने का काम किया है।

दुनिया की सबसे सम्मानित समाचार पत्रिकाओं में से एक ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने अपने ताजा अंक में ‘असहिष्णु भारत’ (इन्टॉलरेंट इंडिया) नाम से कवर पेज छापा है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने गुरुवार (23 जनवरी) को कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा, “कैसे भारत के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं।” कवर पेज पर कंटीली तारों के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनाव चिन्ह ‘कमल का फूल’ नजर आ रहा है। मैगजीन ने अपने लेख में मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कई हमले किए हैं।
How India's prime minister and his party are endangering the world's biggest democracy. Our cover this week https://t.co/hEpK93Al11 pic.twitter.com/4GsdtTGnKe
— The Economist (@TheEconomist) January 23, 2020
‘द इकोनॉमिस्ट’ ने कहा है, “नरेंद्र मोदी की सांप्रदायिकता भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को नष्ट कर रही है।” ऐसा नागरिकता संशोधन अधिनियम के क्रियान्वयन के संदर्भ में कहा गया है। लेख में कहा गया, “नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन को बढ़ावा देने का कार्य किया है।” इसमें यह भी कहा गया है कि भारत के 20 करोड़ मुसलमानों को डर है कि प्रधानमंत्री हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं।
लेख में कहा गया है, “संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर कर मोदी की हालिया पहल ने भारत के लोकतंत्र को जोखिम में डालने का काम किया है।” लेख में चेतावनी दी गई है कि एक समूह का ‘निरंतर उत्पीड़न’ सभी के लिए खतरा है और राजनीतिक प्रणाली को ‘खतरे में’ डालता है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का सबसे महत्वाकांक्षी कदम बताया है।
पत्रिका ने कहा है कि सरकार की नीतियों ने नरेंद्र मोदी को चुनाव जीतने में मदद दी है। लेकिन देश के लिए यह राजनीतिक जहर साबित हुआ है। लेख में चेतावनी दी गई है कि सीएए के कार्यान्वयन सहित मोदी की पहलों से रक्तपात हो सकता है। लेख में कहा गया है कि धर्म और राष्ट्रीय पहचान पर विभाजन पैदा कर मुसलमानों को लगातार खतरनाक बताकर भाजपा ने समर्थन हासिल करने में सफलता पाई है और कमजोर अर्थव्यवस्था से ध्यान दूर करने का काम किया है।
पत्रिका का कहना है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से भगवा पार्टी को अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। पत्रिका ने दावा किया है कि इस प्रक्रिया में मोदी खुद को देश की 80 फीसदी हिंदू आबादी के रक्षक के रूप में आगे बढ़ाएंगे। वहीं, दूसरी ओर कई भाजपा नेताओं ने ट्वीट कर मैगजीन के कवर पेज की निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश के कई राज्यों में पिछले एक महीने से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। इस पर अपनी राय जाहिर करने देशभर में लोग सड़कों पर उतरे हैं जिनमें अधिकांश युवा हैं। उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम के साथ ही बिहार में भी इस पर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)