भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार(9 जुलाई) को लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह देश को साम्प्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से मुक्त बनाने के लिए कदम उठाएं और 2022 तक नये भारत का निर्माण करें।
महात्मा गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम करते हुए मोदी ने लोगों से इससे प्रेरणा लेने को कहा। कई ट्वीट में मोदी ने लिखा है कि आजादी पाने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट हुआ था।
उन्होंने लिखा है, ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी महान महिलाओं और पुरूषों को सलाम करते हैं। उन्होंने लिखा, 1942 में भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने की जरूरत थी। आज, 75 साल बाद मुद्दे अलग हैं।
मोदी ने लिखा है, भारत को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त कराने और 2022 तक नये भारत का निर्माण करने की शपथ लें। संकल्प से सिद्धि का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कंधे-से-कंधा मिलाकर ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गर्व हो।
इसके अलावा संसद में बहस के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ। इस दौरान आजादी के आंदोलन के दौरान अलग-अलग पड़ाव आए। लेकिन 47 की आजादी से पहले 1942 की घटना एक प्रकार से अंतिम व्यापक जनसंघर्ष था।
उन्होंने कहा कि इस जनसंघर्ष में आजादी के लिए लड़ रहे देशवासियों को सही समय का इंतजार था। इस दौरान भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे सपूतों ने बलिदान दिया। 1942 के इस आंदोलन से देश का हर आदमी जुड़ गया था। गांधी के शब्दों को लेकर सब चल पड़े थे। यही समय था, जब अंतिम स्वर में बात आई ‘भारत छोड़ो’।