भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘प्रधानमंत्री पद का अहंकार’ है और यही कारण है कि मोदी उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहे हैं।

न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के सांगली की अटपादी तहसील में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी को 30 से ज्यादा पत्र लिख चुका हूं, लेकिन उन्होंने कभी जवाब नहीं दिया। मोदी को प्रधानमंत्री पद का अहंकार है और यही वजह है कि वह मेरे पत्रों का जवाब नहीं देते हैं।’’
अन्ना हजारे ने पहले कहा था कि वह 23 मार्च से आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं। हजारे ने कहा, ‘‘इस बार ऐसा बड़ा आंदोलन होगा जो पहले कभी नहीं हुआ और यह सरकार के लिए चेतावनी होगी।’’
बता दें कि, इससे पहले अन्ना हजारे ने 15 दिसंबर को कहा था कि पिछले तीन साल के एनडीए शासन काल में भारत एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों में शीर्ष स्थान पर आ गया है।
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की ख़बर के मुताबिक, उन्होंने दावे के साथ कहा कि पिछले पांच साल में दान के रूप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तिजोरी में 80,000 करोड़ रुपए की रकम आई है। अन्ना हजारे ने ‘फोर्ब्स पत्रिका’ के एक आलेख में प्रकाशित ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल सर्वे का हवाला देते हुए ये बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘मैं ये दावा नहीं कर रहा हूं लेकिन एशियाई देशों में सर्वेक्षण करवाने के बाद ये फोर्ब्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।’
हजारे ने कहा, ‘पिछले तीन साल से मैं चुप हूं, जब नई सरकार आती है तो हमें उसे अवश्य कुछ समय देना चाहिए। इसलिए मैं चुप रहा लेकिन अब बोलने का वक्त आ गया है। मजबूत जन लोकपाल और देश के किसानों के लिए अगले साल 23 मार्च से दूसरा आंदोलन शुरू करने जा रहा हूं।’
बता दें कि, लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे अन्ना हजारे ने कहा था कि आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी है, क्योंकि उस दिन ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है।
Rifat Jawaid on Office of Profit controversy
Posted by Janta Ka Reporter on Saturday, January 20, 2018