गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए गए बयान पर पिछले कई दिनों से संसद में जारी घमासान बुधवार (27 दिसंबर) को समाप्त हो गया। इस मामले को विराम देने की कोशिश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में सफाई देते हुए कहा कि पीएम मोदी की ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि जिससे पूर्व पीएम मनमोहन या फिर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की देशभक्ति पर कोई सवाल खड़ा होता हो।

जेटली ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में न तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाया था और न ही उनकी ऐसी मंशा थी। ऐसी धारणा गलत है, हम इन नेताओं के साथ-साथ भारत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं।’
PM in his speeches didn't question, nor meant to question the commitment to this nation of either former PM Manmohan Singh or Former VP Hamid Ansari, any such perception is erroneous, we hold these leaders in high esteem, as well as their commitment to India: Arun Jaitley in RS pic.twitter.com/nhwp8tBXTs
— ANI (@ANI) December 27, 2017
जेटली की सफाई पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण पर स्पष्टीकरण के लिए शुक्रिया। हम अपनी पार्टी के सदस्यों के सभी उन बयानों से खुद को अलग करते हैं जो पीएम की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाते हैं। और चाहते हैं कि आगे से ऐसा न हो। आजाद ने कहा कि हम ये विश्वास दिलाते हैं कि अब सदन को चलाने में विपक्ष की ओर से सरकार को सहयोग दिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि चुनाव के दौरान यदि किसी ने ऐसा बयान दिया है जिससे प्रधानमंत्री की गरिमा की कम होती हो तो उनकी पार्टी उस बयान से खुद को संबद्ध नहीं करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भी बयान कांग्रेस को स्वीकार नहीं है। गुलाम नबी आजाद का इशारा कांग्रेस के निलंबित नेता मणि शंकर अय्यर के बयान की तरफ था। जिसमें अय्यर ने पीएम मोदी को ‘नीच’ किस्म का आदमी कहा था।
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस मनमोहन सिंह पर टिप्पणी के लिए पीएम मोदी से माफी की मांग करते हुए राज्यसभा की कार्यवाही बाधित कर रही है। दरअसल पीएम मोदी ने चुनावी रैली के दौरान गुजरात चुनाव में पाकिस्तान का ‘हाथ’ होने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी ने दावा किया कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा था कि विपक्षी दल के नेताओं ने मणिशंकर अय्यर के उन्हें ‘नीच’ कहने से एक दिन पहले पाकिस्तान के मौजूदा एवं पूर्व अधिकारियों के साथ एक गुप्त बैठक की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिशंकर अय्यर के घर डिनर का हवाला देते हुए सवाल उठाया था कि उसमें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी और उच्यायुक्त के साथ पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की मौजूदगी में गुजरात चुनाव पर चर्चा हुई थी।
अरुण जेटली का बयान गलत है I नरेंद्र मोदीने मणिशंकर अय्यर के घर दीनर का हवाला देते हुए सवाल उठाया था की उसमे पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी और उच्चायुक्त के साथ पूर्व प्रधानमन्त्री और पूर्व उपराष्ट्रपति मौजूदगी में गुजरात चुनाव पर चर्चा हुई थी I इसका मतलब यही होता है की मोदीजी को पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहनसिंह की देश के प्रति निष्ठा में संसय था I अगर मोदीजी को पूर्व प्रधानमन्त्री की देश के प्रति निष्ठा पर कोई संदेह नहीं है तो मोदीजी को माफ़ी मांगनी ही चाहिए I मगर मोदीजी माफ़ी नहीं मांगेंगे क्योकि ऐसा करने पर उनकी नाक कट जाएगी I