प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (22 जनवरी) को स्विट्जरलैंड के दावोस रवाना हो गए। जिसके बाद शाम करीब 6 बजे स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख पहुंचे। अब यहां से वह दावोस के लिए रवाना होंगे। वे वहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की शिखर बैठक के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार (21 जनवरी) को कहा कि वे दावोस में अपने कार्यक्रमों के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों पर अपना नजरिया रखेंगे। पीएम मोदी यह भी चाहते हैं कि दुनिया के नेता मौजूदा वैश्विक प्रणालियों के समक्ष वर्तमान तथा नयी उभर रही चुनौतियों पर ‘गंभीरता से ध्यान दें।’
मोदी ने दावोस यात्रा से एक दिन पहले कहा कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हालिया वर्षों में विस्तार हुआ है। बाहरी दुनिया के साथ देश के संबंध ‘वास्तवित रूप से बहुआयामी हुए हैं जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामान्य जन के स्तर पर, और सुरक्षा तथा अन्य आयाम शामिल हैं।’
PM Narendra Modi arrives in Zurich, will leave for #Davos for #WorldEconomicForum #Switzerland pic.twitter.com/ixjYi7a3Zx
— ANI (@ANI) January 22, 2018
पीएम मोदी ने सम्मेलन के मुख्य मंत्र ‘क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ (बंटी हुए संसार के साझे भविष्य का सृजन) को विचारपूर्ण और उचित बताते हुए कहा कि मुझे भारत के अच्छे दोस्त तथा मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के निमंत्रण पर दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने का इंतजार है।
बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम या विश्व आर्थिक मंच(डब्ल्यूईएफ) की इस 48वीं बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 130 शीर्ष वैश्विक नेता भी शिरकत करेंगे। 1997 में एचडी देवेगौड़ा के बाद 20 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में बैठक में हिस्सा लेने पहुंच रहे पीएम मोदी इसमें 23 जनवरी को उद्घाटन भाषण देंगे। साथ ही इसमें योग का प्रशिक्षण सत्र भी होगा।