उत्तर प्रदेश में लगातार स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की छापेमारी कोे बाद सोमवार (3 मई) की रात से लखनऊ के पेट्रोल पंप मालिक हड़ताल पर चले गये हैं। रात को 9:30 बजे के करीब पेट्रोल पंपों पर ताला पड़ गया इसके बाद लोग पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए जहां-तहां भटकते रहे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहीं लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए हैं। एक पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि इसके पूर्व दोपहर में पेट्रोल पंप संचालकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की कोशिश की थी। लेकिन उनको समय नहीं दिया गया जिसके बाद पेट्रोल पंपों ने हड़ताल कर दी।
आपको बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से एसटीएफ की टीम लगातार पेट्रोल पंप पर छापेमारी कर रही है। कई पेट्रोल पंप पर तेल का खेल पकड़ में आया है। एसटीएफ की जांच में पता चला है कि रिमोट और चिप के जरिए पेट्रोल पंप के मालिक ग्राहकों को कम तेल दे रहे थे। सरकार ने जब ऐसे पेट्रोल पंप पर कार्रवाई की तो अब पेट्रोल पंप के मालिक हड़ताल पर चले गये हैं।
गौरतलब है कि एसटीएफ ने 27 अप्रैल से छापेमारी शुरू की थी। अब तक 14 पेट्रोल पंपों पर छापा मारा जा चुका है और तकरीबन सभी में चोरी पाई गई है। वहीं एसटीएफ का अनुमान है कि चिप लगे पेट्रोल पंपों से औसतन 12 से 15 लाख रुपये महीने के पेट्रोल की चोरी होती है।
जानकारी के अनुसार, चिप लगे हुए पेट्रोल पंपों पर स्टाफ सुबह ही रिमोट का बटन दबा देता है और उसके बाद जब तक पंप खुला रहता है, हर लीटर पर 50 ml से 100 ml तक पेट्रोल चोरी कर लिया जाता है। बताते चलें कि लखनऊ में कुल 150 पेट्रोल पंप हैं जहां से रोजाना 3.5 लाख लीटर पेट्रोल और 2.5 लाख लीटर डीजल की बिक्री हो रही है।