पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में सात साल की मासूम बच्ची से बलात्कार और हत्या के आरोपी इमरान अली को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें कि, घटना के सामने आने के डेढ़ महीने के भीतर ही लाहौर स्थित कोर्ट ने यह फैसला सुना दिया है। गौरतलब है कि, इस घटना के बाद पाकिस्तान में खूब विरोध-प्रदर्शन हुए थे।

जनसत्ता.कॉम की ख़बर के मुताबिक, पाकिस्तान की एक आतंकरोधी अदालत ने इस केस के मुख्य अभियुक्त इमरान अली को चार आरोपों के तहत मौत की सजा, एक उम्र कैद, सात साल की कैद और 20 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है। शनिवार(17 फरवरी) को कोर्ट लखपत के लाहौर सेंट्रल जेल में जज ने सजा का ऐलान किया। इमरान अली को कोर्ट ने चार मौत की सजा अपहरण, रेप, मर्डर और एंटी टेरररिज्म की धारा-7 के तहत आतंक की गतिविधि के लिए सुनाई।
उम्र कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना अप्राकृतिक सेक्स के लिए लगाया गया। जबकि 7 साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना जैनब की बॉडी को कूड़े के ढेर में छुपाने के लिए लगाया गया है। ख़बर के मुताबिक, सरकारी वकील एहतेशाम कादिर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आरोपी को अपना बचाव करने के लिए सभी मौके दिए गए, लेकिन उसने अपने अपराध को स्वीकार किया।
दोषी इमरान के खिलाफ अब ऊपरी अदालत में अपील के लिए 15 दिन का वक्त है। मुकदमे की कार्यवाही को देखने के लिए मासूम जैनब के पिता हाजी मुहम्मद अमीन भी कोर्ट लखपत पहुंचे थे। इस दौरान सेंट्रल जेल के पास सुरक्षा के जबर्दस्त इंतजाम किये गए थे।
नवभारत टाइम्स में छपी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फरेंसिक एजेंसियों ने संदिग्धों के 1000 सैंपल और 150 डीएनए की जांच की तब जाकर दुष्कर्म करने वाले की पहचान हो पाई। आरोपी इमरान अली बच्ची का ही पड़ोसी है।
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, सात वर्षीय बच्ची ज़ैनब पांच जनवरी को लापता हो गई थी। इसके बाद 9 जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई थी। बच्ची के माता-पिता सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी।
इस घटना के विरोध में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। पंजाब प्रांत में तो इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे।