पद्मावती विवाद को लेकर शुरू हुई राजनीतिक सरगर्मियां अब और बढ़ने लगी हैं, क्योंकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में इसकी रिलीजिंग से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तर्कों क साथ छेड़छाड़ की गई है।
शिवराज चौहान ने कहा, ‘महारानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश की धरती पर पद्मावती फिल्म रिलीज नहीं होगी।’ शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर कहा, ‘आपने जो पगड़ी पहनाई है उसका मान नहीं जाने दूंगा। पद्मावती राष्ट्रमाता है, उनके शौर्य से हम सभी ने प्रेरणा ली है।’ शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रमाता पद्मावती की जय के नारे भी लगाये। पंजाब के सीएम अमरिंदर ने फिल्म के विरोध कर रहे लोगों का समर्थन किया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीडिया से कहा, ‘एतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ किसी को स्वीकार नहीं है, और जो इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वो ठीक ही कर रहे हैं।’ इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर में, नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने भी मुख्यमंत्री मेहबूब मुफ्ती को पत्र लिखकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की। उन्होंने लिखा कि जब तक फिल्म की सामग्री सत्यापित नहीं हो जाती तब तक राज्य में पद्मावती को दिखाए जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इस विवाद पर अपने विचार रखे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, मैं असहिष्णुता की संस्कृति की निंदा करता हूं और कर्नाटक दीपिका पादुकोण के साथ खड़ा है।
I condemn the culture of intolerance & hate perpetuated by @BJP4India .
Karnataka stands with @deepikapadukone .She is a globally renowned artist from our state.
I call upon the CM of Haryana @mlkhattar to take strict action against those holding out threats against her. https://t.co/d8rahml5MZ
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) November 20, 2017
गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती का देश के कई राज्यों विरोध हो रहा है। कुछ सामाजिक संगठनों ने तो यहां तक धमकी दी है कि अगर फिल्म रिलीज हुईए तो वे दीपिका पादुकोण की नाक काट देंगे। हालांकिए इस धमकी के बाद दीपिका की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है। ममता बनर्जी ने कहा कि पूरा विवाद ना सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि यह एक राजनीतिक पार्टी द्वारा बोलने-लिखने की आजादी को खत्म करने का सोचा समझा प्लान है।
बता दें कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने सोमवार को ‘पद्मावती’ के मेकर्स की गुजारिश ठुकरा दी है। सीबीएफसी का कहना है कि फिल्म की समीक्षा की जाएगी और नियमों पर खरे उतरने पर ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा।