केरल के पलक्कड़ जिले में एक आदिवासी व्यक्ति की भीड़ ने चोरी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने शनिवार(24 फरवरी) को ट्वीट कर निंदा की। लेकिन वह अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए, यूजर्स ने सहवाग के इस ट्वीट पर उनकी अलोचना करना शुरु कर दी।

लोगों का कहना है कि सहवाग इस मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतर लोगों ने कहा कि आप इस भयावह अपराध के पीछे धर्म क्यों देख रहे हैं, कई आरोपियों में से आपने सिर्फ तीन लोगों ने नाम को ही चुना। वहीं, वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला भड़क गए।
उमर अबदुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘यहां जो हुआ वह घृणित और अमानवीय है लेकिन क्या जम्मू के कठुआ में आठ साल की आसिफा की बलात्कार के बाद हत्या के बाद उस घटना की निंदा करने वाला आपका ट्वीट दिखा सकते हैं? क्या उसने आपको शर्मिंदा नहीं किया?’
https://twitter.com/OmarAbdullah/status/967406417903865859
बता दें किस इससे पहले वीरेंद्र सहवाग ने शनिवार(24 फरवरी) को आदिवासी व्यक्ति की हत्या पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘मधु ने महज एक किलो चावल चुराया था। इस ही बात पर उबेद, हुसैन और अब्दुल की भीड़ ने उस गरीब आदिवासी को मार डाला। यह एक सभ्य समाज के लिए कलंक की तरह है। मुझे इस बात पर शर्म आती है कि ऐसा होने पर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।’
बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, जिसका स्क्रीनशॉट हमारे पास है और आप इसे नीचे देख सकते है।
गौरतलब है कि, वीरेंद्र सहवाग ने अपने इस ट्वीट में एक ही समुदाय विशेष के तीन ओरोपियों का नाम लिखा गया है जो मुस्लिम हैं। जबकि केरल पुलिस ने इस आरोप में जिन लोगों को नामजद किया है जिसमें अन्य संप्रदायों के लोग भी शामिल हैं। सहवाग के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में लोगों ने उन पर इस मसले को मजहबी रंग देने का आरोप लगाया है। लोग उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वे इस घटना को धार्मिक रंग न दें। कई लोगों ने सहवाग के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि मधु को मारने वालों में और धर्म के लोग भी शामिल थे।
हालंकि, ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा खबर चलाए जाने के बाद और लोगों की अलोचना के बाद सहवाग बैकफूट पर आ गए और उन्होंने अपनी गलती मांनते हुए ट्वीटर पर लोगों से माफी मांगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, उनके पास जानकारी का अभाव था, जिसके कारण यह गलती हुई। हालांकि उनका उद्देश्य किसी संप्रदाय की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।
सहवाग ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘गलती को स्वीकार न करना दूसरी गलती है। मैं क्षमा चाहूंगा कि अपूर्ण जानकारी के कारण मुझसे इस आपराधिक घटना में शामिल और नाम छूट गए और मैं इसके लिए मांफी मांगता हूं क्योंकि ट्वीट किसी तरह से साम्प्रदायिक नहीं है। हत्यारे धर्म के अनुसार बंट जाते हैं लेकिन हिंसक मानसिकता के नाम पर एक हो जाते हैं। भगवान वहां शांति बनाए।’
हालंकि बाद में सहवाग ने अपना यह ट्वीट भी डिलीट कर दिया, जिसका स्क्रीनशॉट हमारे पास है और आप इसे नीचे देख सकते है।
बता दें कि, आदिवासी व्यक्ति की हत्या पर राहुल गांधी ने भी दुख प्रकट किया था। उन्होंने शनिवार(24 फरवरी) को ट्वीट करते हुए लिखा कि, कल केरल में एक आदिवासी जनजातीय की क्रूरता से की गई हत्या पर मैं गंभीरता से खेद प्रकट करता हूं। जिससे कैमरे ने पकड़ा। उन्होंने आगे लिखा कि हमें अपने समाज में बढ़ती असहिष्णुता से चिंतित होना चाहिए और एक आवाज में इसके खिलाफ बोलना चाहिए।
बता दें कि, केरल के पालक्काड में स्थानीय लोगों ने अगाली नगर में कुछ दुकानों से खाद्य वस्तुओं की चोरी का आरोप लगाते हुए 30 वर्षीय एक आदिवासी व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और टीवी चैनलों पर प्रसारित होने के बाद राज्य में आदिवासियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जगह-जगह प्रदर्शन किए। मारे गए व्यक्ति की मां मल्ली ने टीवी चैनलों से कहा, ‘स्थानीय लोगों ने मेरे बेटे को मार डाला, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।’
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घटना की निन्दा की और इसे ‘केरल के प्रगतिशील समाज पर एक धब्बा’ करार दिया। दुकानों से खाद्य वस्तुएं चुराने का आरोप लगाकर गरुवार शाम स्थानीय लोगों ने आदिवासी व्यक्ति को पीटा और बाद में पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने बताया कि उसे नजदीक के अगाली सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह रास्ते में ही दम तोड़ चुका था।