मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों पहले शिवपुरी के सेसई गांव में सहरिया आदिवासी सम्मेलन में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी लड़कियों को देवी मानते हुए उनके पैर धोए थे। इतना ही नहीं इसके बाद सीएम ने उन्हें गिफ्ट्स और कुछ पैसे दिए थे।
लेकिन जिले के आदिवासी बहुल गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि कार्यक्रम से मुख्यमंत्री के वापस जाते ही कुछ अधिकारियों ने ग्रामीणों से सारे तोहफे ले लिए। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि गांव वालों को कोई गलतफहमी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 9 दिसंबर को शिवपुरी के सेसई गांव में सहरिया आदिवासी सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी लड़कियों के पैर धोए थे। इसके बाद सीएम ने उन्हें गिफ्ट्स और कुछ पैसे दिए थे।
लेकिन जिले के आदिवासी बहुल गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि कार्यक्रम से मुख्यमंत्री के वापस जाते ही कुछ अधिकारियों ने सारे तोहफे और पैसे लड़कियों से वापस ले लिए।
#MadhyaPradesh: Villagers in Shivpuri say "during Sahariya Sammelan on 9th December, officials of the district administration took away gifts and Rs 2100 distributed by Chief Minister Shivraj Singh Chouhan to the tribal girls, as soon as the CM left". pic.twitter.com/enSiNK5ea7
— ANI (@ANI) December 22, 2017
वहीं गांव वालों के आरोपों को खारिज करते हुए शिवपुरी के कलेक्टर ने कहा कि गांव वालों को जरूर कोई भ्रम हुआ है। उन्होंने कहा कि सीएम चौहान ने 2100 रुपए नहीं बल्कि 100 रुपए बांटे थे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीएम शिवराज चौहान ने लड़कियों को स्वेटर भी बांटे थे।
हालांकि उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जिन अधिकारियों ने कथित तौर पर गिफ्ट वापस लिया है उनकी जांच की जाएगी।
The girls were only given Rs 100, and not Rs 2100. In addition, sweaters were also distributed as gifts. Maybe villagers have some confusion: Shivpuri Collector pic.twitter.com/MBkwGXCfqp
— ANI (@ANI) December 22, 2017
ख़बरों के मुताबिक, सहरिया आदिवासी काफी गरीब स्थिति में जिंदगी गुजार रहे हैं। शिवपुरी जिले के दौरे के दौरान शिवराज ने आदिवासी सम्मेलन में सहरिया आदिवासियों में बढ़ते कुपोषण पर चिंता जताई थी और कहा था कि गरीब परिवारों को राज्य सरकार सब्जी, फल और दूध के लिए हर माह एक हजार रुपए देगी।