दुनियाभर के परमाणु हथियारों को खत्म करने की मांग करने वाली कैंपेन को इस साल का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
यानि इंटरनेशनल कैंपेन टू अबॉलिश न्यूक्लियर वेपन संस्था (ICAN) को 2017 का शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। इस संस्था ने परमाणु हथियारों के खात्मे के अभियान में अहम रोल अदा किया है।
समूह को 2007 में साथ शुरू किया गया था और इस समय दुनिया के 101 देशों में इसकी 468 सहयोगी काम कर रहे हैं।सिविल सोसायिटी के लोग पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि पर काम कर रही है।
ICAN संस्था पिछले 10 सालों से वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों पर बैन लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। संस्था का मानना है कि परमाणु संधि इस दिशा में अहम साबित हुई है, लेकिन असल में हथियार खत्म करने अभी भी बाकी है।
नोबेल पुरस्कार मिलने से उत्साहित ICAN संस्था के ग्रुप हैड बीट्राइस फिन का कहना है कि हमने अभी और आगे जाना है। हमारा काम तब तक खत्म नहीं होगा, जबकि इस दुनिया से परमाणु हथियारों को पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता है।
नॉर्वे की समिति ने कुल 300 नामांकनों में से इंटरनैशनल कैंपेन टु अबॉलिश न्यूक्लियर वेपंज को इस साल के शांति पुरस्कार के लिए चुना है। समिति के मुताबिक आईसीएएन ने परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाया है। पुरस्कार की घोषणा ओसलो में की गई।
ICAN को 2007 में लॉन्च किया गया था और आज इसके 101 देशों में 468 साझेदार संगठन हैं। इसके फाउंडर लैंडमाइंस प्रतिबंध करने के अभियान से बेहद इंस्पायर थे और इसी तर्ज पर ICAN ने परमाणु हथियारों के खिलाफ अपना अभियान चलाया।