नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के देवास में बहुचर्चित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के प्रचारक रहे सुनील जोशी की हत्या के मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बरी किए जाने के एक सप्ताह बाद अभियोजन (मध्य प्रदेश पुलिस) ने शिवराज सरकार को लिखा है कि साध्वी के रिहाई के खिलाफ अपील करने का कोई आधार नहीं बनता है।
आपको बता दें कि आरएसएस के प्रचारक रहे सुनील जोशी की हत्या के मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात अन्य आरोपियों को देवास के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने एक फरवरी को बरी कर दिया था।
गौरतलब है कि सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास में हत्या कर दी गई थी। एक आदिवासी कांग्रेस नेता और उसके बेटे के दोहरे हत्याकांड में नाम आने के बाद सुनील फरार था। इस केस में मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 2008 में गिरफ्तार किया गया था।
अंग्रेजी अखबार अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को सरकारी वकील गिरीश मुंगी ने बताया कि उनके(साध्वी) खिलाफ कोई भी प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य सबूत नहीं हैं। साथ ही सारे गवाह भी झूठे निकले। मैंने सरकार को बता दिया है कि अपील करने का कोई आधार नहीं बनता।
कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, हर्षद सोलंकी, वासुदेव परमार, रामचरन पटेल, आनंदराज कटारिया, लोकेश शर्मा, राजेन्द्र चौधरी और जितेंद्र शर्मा सहित सभी आठ आरोपियों को यह कहकर बरी कर दिया है कि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। साध्वी प्रज्ञा की रिहाई के एक दिन बाद जोशी की पत्नी की बहन शैलजा ने सवाल उठाए थे। चर्चित सुनील जोशी हत्याकांड मामले में अब भी रहस्य पहले जैसा ही बरकरार है।