बिहार के मुजफ्फरपुर के एक ‘बालिका गृह’ नाम के नारी निकेतन में मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण के आरोपों ने तूफान मचा दिया है। विपक्ष के भारी दवाब के बाद मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया है। बता दें कि यह मामला उजागर होने के बाद बिहार में विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी।

यौन शोषण के मामले की चिकित्सकीय पुष्टि होने के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी। यह मामला मंगलवार (24 जुलाई) को लोकसभा और सोमवार (23 जुलाई) को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में भी गूंजा। इस मामले में पुलिस ने बालिका सुधार गृह के संचालक बृजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए लड़कियों के साथ बलात्कार आैर यौन शोषण मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने बिहार के मुख्य सचिव (गृह विभाग) और डीजीपी को यह जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है।
Muzaffarpur Shelter Home case: Bihar Chief Minister Nitish Kumar orders Chief Secretary, Principal Home Secretary and DGP to hand over the investigation of the case to Central Bureau of Investigation pic.twitter.com/LIOVfIzHeZ
— ANI (@ANI) July 26, 2018
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 बच्चियों के यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज खुलासे के बाद घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस मामले में 44 में से 29 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। साथ ही यहां रहने वाली बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या होने का भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां बच्चियों के साथ लंबे समय से रेप होने का आरोप लगा है। सरकारी सहायता प्राप्त के इस शेल्टर होम का नाम ‘बालिका गृह’ है, जो कि एक एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से चलाया जाता है। इसमें 44 लड़कियां रह रही थीं।
बच्चियों को नशा देकर होता था रेप
मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के अनुसार, 44 में से 29 लड़कियों की मेडिकल जांच में सामने आया है कि उनके साथ रेप और मारपीट हुई है। कई बच्चियों के शरीर पर जले के निशान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों को नशा देकर रेप किया जाता था और विरोध करने पर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की जाती थी। हालांकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। फिलहाल नारी निकेतन को चलाने वाले एनजीओ को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इस नारी निकेतन को सील करके लड़कियों को दूसरे जिलों के नारी निकेतनों में भेज दिया गया है।
ऐसे हुआ खुलासा
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने राज्य के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट किया था। टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी, जिसमें यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया। इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि बालिका गृह में रह रही लड़कियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण हो रहा है। यहां लड़कियों का मानसिक और शारीरिक शोषण किया जाता था। मामला उजागर होने के बाद वहां रह रही लड़कियों को तत्काल हटा लिया गया और उनकी मेडिकल जांच की गई।
मेडिकल जांच में 29 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि की गई। सात साल की बच्ची तक को दरिंदों ने नहीं छोड़ा था। वह बच्ची बोल नहीं पा रही है। एक लड़की ने तो अपनी सहेली की हत्या कर शव को परिसर में ही दफना दिए जाने की भी बात कही है। मामला उजागर होने के बाद मुख्य आरोपी और एनजीओ (जो आश्रय गृह को संचालित कर रहा था) के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सरकार द्वारा संचालित इस बालिका गृह की देखरेख स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संस्थान संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा की जा रही है।