भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों अपने बयानों के लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने हुए है। पिछले कुछ दिनों से नितिन गडकरी कुछ न कुछ ऐसा बयान दे देते है, जो चर्चा का विषय बन जाता है। अभी हाल ही में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार की जिम्मेदारी लेने वाले बयान पर सफाई देने के बाद नितिन गडकरी के एक बयान ने एक बार फिर से सियासी भूचाल ला दिया है।
एनडीटीवी कि रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे विधायक या सांसद अच्छा नहीं करते तो उसके लिए कौन ज़िम्मेदार है। नितिन गडकरी के इस बयान को अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आलाकमान के नेतृत्व पर निशाना माना जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले नितिन गडकरी ने कहा था कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। उन्होंने कहा था ‘सफलता के कई पिता होते हैं लेकिन विफलता अनाथ है। सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं।’ गडकरी ने यह बयान पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था।
हालांकि, बाद में गडकरी ने इस बयान को लेकर सफाई दी और मीडिया पर उनके द्वारा पुणे में एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणी को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप भी लगाया था।