हमारे यहां बहुत सी भारतीय औरतें रीति रिवाजाों कारण परदा प्रथा का पालन करती आईं हैं। विशेष तौर पर हरियाणा में हिंदू औरतें ‘घूंघट’ करती हैं। हालांकि, वर्तमान परिस्थिति में राजधानी दिल्ली से करीब दो घंटे दूर हरियाणा की औरतों का मानना है कि ‘घूंघट’ से आत्मविश्वास कम होता रहा है।
हालांकि, पिछले दिनों हरियाणा सरकार की पत्रिका ‘हरियाणा संवाद’ में महिलाओं की घूंघट को ‘हरियाणा की शान’ बताया गया था जिसे लेकर लोगों में अभी भी भारी गुस्सा है और खट्टर सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। दरअसल, खट्टर सरकार के इस मैगजीन के मार्च महीने के अंक में अंतिम पेज पर प्रकाशित ‘घूंघट’ में महिला की तस्वीर को ‘हरियाणा की शान और पहचान’ बताया गया है।
इस विरोध की कड़ी में अब पत्रकार भी शामिल हो गए हैं। जी हां, खट्टर सरकार द्वारा घूंघट को ‘हरियाणा की शान’ बताने को लेकर एक महिला टीवी एंकर ने उन्हीं के अंदाज में घूंघट आढ़े लाइव डिबेट शो कर करारा जवाब दिया है। घूंघट में ही महिला एंकर ने लाइव शो कर हरियाणा सरकार पर तंज कसते हुए जमकर क्लास लगाई, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
जी हां, हरियाणा के रीजनल न्यूज चैनल ‘एसटीवी हरियाणा न्यूज’ की एग्जीक्यूटिव एडिटर और एंकर प्रतिमा दत्ता ने लाइव शो की शुरुआत घूंघट ओढ़कर की। शो की शुरुआत करते ही एंकर प्रतिमा दत्ता ने कहा कि घूंघट के बाहर कुछ भी देख पाना आसान नहीं है। ये और कुछ नहीं केवल बेड़ियां हैं।
इसके बाद एंकर ने घूंघट हटाते हुए कहा कि सरकार अपनी बहू-बेटियों की पहचान छिन रही है, देखिए मेरा घूंघट उठते ही मेरी पहचान सबके सामने आ गई। खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए एंकर ने कहा कि ये घूंघट जिसे हरियाणा सरकार आन बान शान बता रही है वो कुछ और नहीं महज बेड़ियां हैं।
JKR से बोली एंकर- सरकार को उसी के भाषा में दिया जवाब
इस मामले पर ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत करते हुए एंकर प्रतिमा दत्ता ने कहा कि ‘घूंघट’ को ‘हरियाणा की शान’ बताते वाले सरकार के मैगजीन पर जब मेरी नजर पड़ी तो मुझे बहुत दुख हुआ। जिसके बाद मैंने सरकार को उसी के भाषा में जवाब देने का फैसला किया। एंकर ने कहा कि ‘घूंघट’ में महिलाओं की कोई पहचान नहीं है, यह हकीकत हमारे नेताओं को कब समझ आएगी।
दत्ता ने कहा कि एक तरफ सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ घूंघट को राज्य की शान बता रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि घूंघट महिलाओं के लिए महज एक बेड़ियां हैं। दत्ता ने दावा करते हुए कहा कि आप खुद राज्य की महिलाओं से जाकर बात करेंगे तो वह ‘घूंघट’ के अंदर होने वाले ‘घुटन’ से आपको अवगत कराएंगी।
एंकर ने कहा कि कोई भी महिला घूंघट में रहना पसंद नहीं करती, क्योंकि घूंघट में उनकी कोई पहचान नहीं है। उन्होंने कहा कि देखिए एंकरिंग के दौरान जब तक मैं घूंघट में थी तो मेरी कोई पहचान नहीं थी, लेकिन मेरे द्वारा घूंघट हटाते ही मेरी पहचान सबके सामने आ गई। दत्ता ने कहा कि सभी पार्टी के नेताओं को घूंघट के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
खट्टर सरकार ने ‘घूंघट’ को बताया ‘हरियाणा की शान’
बता दें कि पिछले दिनों हरियाणा सरकार की पत्रिका ‘हरियाणा संवाद’ के मार्च महीने के अंक में अंतिम पेज पर प्रकाशित घूंघट में महिला की तस्वीर को ‘हरियाणा की शान और पहचान’ बताया गया था। इस पत्रिका में सिर पर कुछ सामान लिए और घूंघट ओढ़े इस तस्वीर के साथ लिखा गया है, ‘घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान।’बाद में सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होने के बाद खट्टर सरकार की जमकर आलोचना हुई थी। इस मामले को लेकर कुछ सामाजिक संगठनों ने बीजेपी सरकार से स्पष्टीकरण मांगे थे। हरियाणा सरकार की इस हरकत पर मशहूर रेसलर गीता फोगाट ने भी खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया था।
(देखिए वीडियो)