तीन तलाक मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक इशरत जहां के बाद अब उनकी वकील और कार्यकर्ता नाजिया इलाही खान भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गई हैं। तीन तलाक पीड़िता और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने वाली इशरत जहां के बाद उनकी वकील नाजिया ने गुरुवार (4 जनवरी) को कोलकाता में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी का दाम थाम लिया।आपको बता दें कि इससे पहले तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालीं इशरत जहां ने भी पिछले दिनों बीजेपी का दामन थाम लिया था। इशरत हावड़ा स्थित पार्टी दफ्तर जाकर बीजेपी सदस्य बन गईं थी। इस मौके पर इशरत ने कहा था, ”मोदी पीड़ितों के पक्ष में महत्वपूर्ण कानून लेकर आए हैं। मैं बहुत खुश हूं और बीजेपी की महिला शाखा के साथ काम करूंगी।”
Nazia Elahi Khan, activist and lawyer of #TripleTalaq victim Ishrat Jehan also joins BJP in Kolkata. Ishrat Jehan had already joined BJP pic.twitter.com/cSmnCHnsM2
— ANI (@ANI) January 4, 2018
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इशरत जहां और नाजिया खान बीजेपी का मुस्लिम चेहरा बन सकती हैं। बीजेपी पश्चिम बंगाल में में अल्पसंख्यकों के बीच अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में यह दोनों बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत जहां ने तीन तलाक को अवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 30 साल की इशरत ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया।
अपनी याचिका में इशरत जहां ने कोर्ट में कहा था कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके चार बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं। याचिका में इशरत ने बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने तलाक-ए बिद्दत यानी तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक- 2017 को लोकसभा में पेश किया और इसे बिना संशोधन के पास भी करवा लिया गया। फिलहाल मोदी सरकार इस कानून को राज्यसभा में भी पास करवाकर कानूनी जामा पहनाने के लिए जद्दोजहद कर रही है।