दिल्ली में बढ़ते अपराध की घटनाओं के बीच अपने देवर को अपहरकर्ताओं के कब्जे से छुड़ाने के लिए एक महिला नेशनल शूटर आयशा फलक की बहादुरी और सूझबूझ की खबर पढ़कर जनता सहित दिल्ली पुलिस भी हैरान है। दरअसल, दिल्ली में रहने वाली यह बहादुर महिला ने बदमाशों के चंगुल से अपने देवर को बचाने के लिए न सिर्फ उनका पीछा किया, बल्कि दोनों बदमाशों के पैरों में गोलियां मारकर अपने देवर को सहीं सलामत छुड़ा भी लिया।खबरों के मुताबिक, नेशनल शूटर आयशा का देवर आसिफ जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है वो पॉकेट मनी के लिए पार्ट टाइम कैब चलाता है। गुरुवार(25 मई) रात आसिफ को दरियागंज से एक बुकिंग मिली, वह रफी और आकाश के पिक अप के लिए घर से निकल पड़ा। आधे रास्ते में उन दोनों ने अलग रूट लेने के लिए कहा।
Delhi: National level shooter Ayisha Falaq shoots abductors, rescues kidnapped brother in law in Bhajanpura pic.twitter.com/O15FvnG0Q3
— ANI (@ANI) May 28, 2017
आसिफ ने बताया कि मैंने तुरंत कार रोक दी और आगे जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे आगे की यात्री सीट पर धकेलकर जान से मारने की धमकी दी गई और उसका पर्स भी छीन लिया गया। जब किडनैपर्स के हाथ सिर्फ 150 रुपये लगे तो उन्हें गुस्सा आया और उन्होंने आसिफ को पीटा और परिजनों को फोन करने को कहा।
इस बीच आसिफ ने घरवालों को फोन कर 25 हजार रुपये लेकर शास्त्री पार्क आने को कहा। लेकिन आयशा और उसके पति फलक शेर आलम को शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है। और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को भी दे दी। उसके बाद पुलिस सादे कपड़ों में आयशा और फलक के साथ बताए गई जगह पहुंच गई।
जैसे ही वो शास्त्री पार्क पहुंचे बदमाशों को भी शक हो गया कि इन दोनों के साथ पुलिस आ गई है। बदमाशों ने आयशा और फलक को गाड़ी भजनपुरा की तरफ बढ़ाने को कहा। जब भजनपुरा के पास पहुंची तो बदमाश आसिफ को गनप्वाइंट पर लेकर गाड़ी से उतरे, क्योंकि उनको लग गया था कि वो हर ओर से घिर गए हैं।
अपनी जान बचाने के लिए वह आसिफ को गोली मारने की बात कहने लगे। इसी बीच अचानक गोली चलने की आवाज आई। दोनों बदमाशों को किसी ने गोली मार दी थी। एक गोली एक बदमाश की कमर में, तो दूसरे के पैर में जा कर लगी थी। यह गोली किसी और ने नहीं बल्कि नेशनल लेवल की शूटर आयशा फलक ने चलाई थी। उसने पर्स में अपनी पिस्टल रखी थी।
पुलिस ने आनन-फानन में दोनों बदमाशों को कब्जे मे ले लिया और उन्हे अस्पताल भेजा। इन बदमाशों के नाम मोहम्मद रफी और आकाश है। इस घटना के बाद हर कोई आयाशा की बहादुरी की तारीफ कर रहा है। आयशा ने भी कहा है कि हर लड़की को आत्मरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।आयशा की पिस्तौल पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। पूर्वी रेंज के जॉइंट कमिश्नर रवींद्र यादव ने कहा कि जांच की जा रही है कि आयशा ने आत्मरक्षा या आसिफ को बचाने के लिए गोली चलाई। अगर ऐसा साबित हो जाता है तो उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी।