राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी विशेष प्रावधान को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। यह विधेयक संघीय ढांचे में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करता, इसलिए इसे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी की जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह बिल कानून का रूप ले लिया।

यह ‘‘विशेष प्रावधान’’ निजी शैक्षणिक संस्थानों सहित शिक्षण संस्थानों, चाहे सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो या न हो, में उनके दाखिले से जुड़ा है। हालांकि, यह प्रावधान अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर लागू नहीं होगा। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह आरक्षण मौजूदा आरक्षणों के अतिरिक्त होगा और हर श्रेणी में कुल सीटों की अधिकतम 10 फीसदी सीटों पर निर्भर होगा। इससे जुड़ा विधेयक नौ जनवरी को संसद से पारित किया गया था।
सरकार आरक्षण प्रावधानों को जल्दी से जल्दी अधिसूचित करेगी ताकि नई नौकरियों, प्रतियोगी परीक्षाओं में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को आरक्षण दिया जा सके। जिनकी वार्षिक आय आठ लाख से कम है, पांच एकड़ से कम जमीन है, शहर में एक हजार वर्ग फीट से छोटा घर है, सौ गज से छोटा प्लाट है और गैर अधिसूचित क्षेत्र में 200 गज से छोटा प्लाट है, उन्हें इस कानून के तहत आरक्षण मिलेगा।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुद कथित तौर पर कहा था कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण बेइमानी से ही किया जा सकता है। वीडियो में पीएम मोदी कथित तौर पर कह रहे हैं, “पूरे हिंदुस्तान में अब 50 प्रतिशत (आरक्षण) पर कैप लग गया है उसके आगे कोई सरकार जा नहीं सकती…सुप्रीम कोर्ट ने कहा है…अब किसी को भी आगे बढ़ना है तो उसमें से कोई ना कोई ‘बेईमानी’ करनी पड़ेगी।”
अरे यह क्या!
खुद मोदी जी कह रहे हैं कि 50% से ज्यादा आरक्षण किया तो बेइमानी से ही होगा…
सुनिए… ?pic.twitter.com/48ZurU3CAt https://t.co/9ggOhxA82b— Mukesh Kejariwal (@Mukesh_k) January 9, 2019
बता दें कि अधिसूचना के मुताबिक, इस अनुच्छेद और अनुच्छेद 16 के उद्देश्यों के लिए ‘आर्थिक रूप से कमजोर तबके’ वे होंगे जिन्हें सरकार समय-समय पर पारिवारिक आय और प्रतिकूल आर्थिक स्थिति के अन्य मानकों के आधार पर अधिसूचित करेगी। अनुच्छेद 16 के संशोधन में कहा गया, ‘‘इस अनुच्छेद में कोई भी चीज राज्य को धारा (4) में शामिल वर्गों के अलावा नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के पक्ष में नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए कोई प्रावधान करने से नहीं रोकेगा।’’ यह मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा और हर श्रेणी में अधिकतम 10 फीसदी पदों पर निर्भर करेगा।