55 वर्षीय पहलू खान का नाम तो आपको याद ही होगा, अगर नहीं याद है तो आइए हम आपको याद दिला देते है। पहलू खान वह किसान हैं जिन्हें राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गौरक्षकों ने गोतस्करी का आरोप लगाकर तीन अप्रैल को उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना की याद आपको इसलिए दिलाना पड़ा है, क्योंकि पहलू खान हत्याकांड की तर्ज पर एक बार फिर से राजस्थान के अलवर में मुस्लिम समुदाय के गोपालकों पर जानलेवा हमला किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अलवर जिले से कथित तौर पर पिकअप वाहन में गाय लेकर भरतपुर के घाटमिका गांव जा रहे दो मुस्लिम गोपालकों से शनिवार (11 नवंबर) देर रात मारपीट की गई और उन पर गोलियां भी चलाई गई। इस घटना में एक युवक उमर खान की मौत हो गई है, जबकि ताहिर का हरियाणा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मृतक उमर के शव को अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सलाय की मोर्चरी में रखा गया है। मामले की सूचना के बाद बड़ी संख्या में मेव समाज के लोग अलवर पहुंचे। मेव समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस के साथ हिंदूवादी संगठन के लोगों ने गाय लेकर जा रहे मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट की। और गोली मारकर हत्या की गई और अंग-भंग किया गया।
वहीं, इस मामले में पुलिस अधिकारी अनिल बेनवाल ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि, ‘हमें बताया गया कि तीन लोग थे। इनमें से एक को गोली मारी गई जब वे अपने गाय के साथ जा रहे थे। तब कोई रिश्तेदार या कोई और प्रत्यक्षदर्शी वहां मौजूद नहीं था। इसलिए हमें जांच करना होगा कि क्या हुआ।’
We're told there were 3 people, one of whom was shot dead when they were going with their cows. Neither relatives nor anyone else was there so we'll investigate to know what happened: Anil Benwal, Police on a man allegedly shot dead while transporting cows in Rajasthan's Alwar pic.twitter.com/n9KH454CMt
— ANI (@ANI) November 12, 2017
बता दें कि इससे पहले राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान की तीन अप्रैल को मौत हो गई थी। उस वक्त इस हमले के बाद पूरे देश में गोरक्षा के नाम पर बहस छिड़ गई थी।
चौतरफा दबाव के बाद राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पहलू की हत्या के लिए 6 लोगों को आरोपी बनाया था। लेकिन जांच के बाद पुलिस ने सभी को क्लीन चिट दे दी थी। गाय के नाम पर लगातार जारी हिंसा पर विपक्ष कई बार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करती रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी हिंसा पर आपत्ति जताते रहे हैं।