समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार(16 अक्टूबर) अपनी 55 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। इसमें पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम शामिल नहीं है। साथ ही अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे शिवपाल सिंह यादव का नाम भी नहीं है।

सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा जारी सूची के मुताबिक किरणमय नंदा को उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा कार्यकारिणी में आजम खान, नरेश अग्रवाल और हाल में बीएसपी छोड़कर सपा में आये इंद्रजीत सरोज समेत 10 महासचिव, संजय सेठ कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, कमाल अख्तर और अभिषेक मिश्र समेत 10 सचिव, जया बच्चन, अहमद हसन तथा रामगोविन्द चौधरी समेत 25 सदस्य तथा छह विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।
कार्यकारिणी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का नाम नहीं है। अब पार्टी में पदाधिकारी के रूप में उनके स्थान को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी संस्थापक मुलायम अब दल के सर्वोच्च रहनुमा नहीं रहे, सपा के नवमनोनीत राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के मुख्य प्रान्तीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते, लेकिन इतना जरूर है कि सपा के संविधान में इस पद का कोई प्रावधान नहीं है।
गौरतलब है कि गत पांच अक्तूबर को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को एक बार फिर सपा अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त उन्हें अपनी कार्यकारिणी चुनने का अख्तियार दे दिया गया था। उस वक्त से लोगों की नजरें इसी बात पर लगी थीं कि क्या मुलायम अब पार्टी के सर्वोच्च रहनुमा बने रहेंगे। उन्हें यह खिताब गत एक जनवरी को पहली बार अखिलेश के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद दिया गया था।