उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित रेलवे स्टेशन मुगलसराय जंक्शन अब ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन’ के नाम से जाना जाएगा। जी हां, मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम आज यानी पांच अगस्त से आधिकारिक तौर पर बदल गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुगलसराय में रविवार को आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत की। इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

स्टेशन का नाम बदलने के बाद टिकट की बुकिंग के लिए स्टेशन का कोड MGS (मुगलसराय) से बदलकर DDU (दीनदयाल उपाध्याय) कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने की कवायद पिछले साल ही शुरू हो गई थी। बता दें कि मुगलसराय जंक्शन भारत के सर्वाधिक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में एक है, यह जंक्शन देश को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है।
इस बीच, मुगलसराय रेलवे स्टेशन को केसरिया रंग में रंगा जा रहा है और कंपाउंड में प्रवेश और निकास द्वार के साइनबोर्ड के साथ-साथ प्लेटफार्म के नाम को भी बदला जा रहा है। बता दें कि ‘एकात्म मानववाद‘ का संदेश देने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के विचारक दीन दयाल उपाध्याय फरवरी 1968 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास ही संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे।
पिछले साल जून महीने में यूपी सरकार की कैबिनेट ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने का फैसला किया था। कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को रेल मंत्रालय के पास भेजा गया था। कुछ लोगों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने की मांग की थी।
दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से हर रोज 250 ट्रेनें गुजरती हैं। ये एशिया का सबसे बड़ा रेलवे मार्शलिंग यार्ड और एशिया की विशालतम कोयला मण्डी है। वहीं, यह शहर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मस्थल है। मुगलसराय स्टेशन का निर्माण 1862 में उस समय हुआ था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी हावड़ा और दिल्ली को रेल मार्ग से जोड़ रही थी। भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी वैगन मरम्मत कार्यशाला मुगलसराय में स्थित है।