उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित रेलवे स्टेशन मुगलसराय जंक्शन अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। यूपी सरकार ने इस संबंध में नोटिफेकशन जारी कर यह सूचना दी। बता दें कि, मुगलसराय जंक्शन भारत के सर्वाधिक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में एक है, यह जंक्शन देश को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है। बता दें कि मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने की कवायद पिछले साल ही शुरू हो गई थी।
पिछले साल जून महीने में यूपी सरकार की कैबिनेट ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने का फैसला किया था। इसके बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को रेल मंत्रालय के पास भेजा था। जिसके बाद इस मामले को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था। कुछ लोगों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने की मांग की थी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया, मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पं.दीन दयाल जी के नाम से अब ये जंक्शन जाना जाएगा’।
नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया, मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पं .दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा। pic.twitter.com/PoHDGQmu5i
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 4, 2018
दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से हर रोज 250 ट्रेनें गुजरती हैं। ये एशिया का सबसे बड़ा रेलवे मार्शलिंग यार्ड और एशिया की विशालतम कोयला मण्डी है। बता दें कि आरएसएस-बीजेपी के विचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय 1968 में रहस्यमय हालात में मुगलसराय स्टेशन पर मृत पाए गए थे।
वहीं, यह शहर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मस्थल है। मुगलसराय स्टेशन का निर्माण 1862 में उस समय हुआ था, जब ईस्ट इंडिया कंपनी हावड़ा और दिल्ली को रेल मार्ग से जोड़ रही थी। भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी वैगन मरम्मत कार्यशाला मुगलसराय में स्थित है। मुगलसराय भारतीय रेलवे के शीर्ष सौ बुकिंग स्टेशनों में से एक है।
देखिए, सोशल मीडिया रिएक्शन:-
अंततः मुगल पराजित हुये…दीन दयाल जी के हाथों।
अब इस जंक्शन पर हर गाड़ी टाइम पर आएगी। https://t.co/LzDCUrFJoF— MANJUL (@MANJULtoons) June 4, 2018
और इसी के साथ आज से मुग़लई चिकन , पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकन और मुग़लई पराठा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पराठा कहलाया जाएगा।और इतिहास की किताबों में मुग़ल काल को दीन दयाल उपाध्याय काल कहा जाएगा। https://t.co/sgWOaQVptD
— Vinod Kapri (@vinodkapri) June 4, 2018
दिल्ली के Connaught Place को कितने लोग 'राजीव चौक' बोलते हैं? मुग़लसराय स्टेशन भी लोगों के ज़ेहन में मुग़लसराय स्टेशन ही रहेगा। https://t.co/OM9EpCXFS9
— Kadambini Sharma (@SharmaKadambini) June 5, 2018
योगी जी ने "मुगलसराय रेलवे जंक्शन" का नाम बदलकर "पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन" कर दिया…
और
इस तरह "हिंदुत्व" नें आखिर "मुग़लों" से बदला लेकर स्टेशन पर बहादुरी से क़ब्ज़ा कर ही लिया!
???
— ? Ritu Singh ? (@RiituS) June 5, 2018
https://twitter.com/akshaykumaar__/status/1003879978415505409
मुग़ल सराय रेलवे स्टेशन को तो
पं दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन
का नाम दे दिया
दीन दयाल जी की
मृत्यु की जॉच के वादे का क्या हुआ मोदी जी
चार साल हो गये
जॉच क्यों नहीं करवा रहे
कही जनसंघ के अध्यक्ष बलराज मधोक की शंकाऔ के सही होने का डर तो नहीं रोक रहा आप को pic.twitter.com/MkDPMvtXiR— Akhilesh P. Singh (@AkhileshPSingh) June 5, 2018