आज देश कि नज़र तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी पर है, क्योंकि आज राज्य के विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करना है। इसी दौरान आज विधानसभा में गुप्त मतदान को लेकर भारी हंगामा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा के अंदर स्पीकर के सामने कुर्सियां तोड़ी गई हैं और कागज फाड़कर फेंके गए हैं। डीएमके विधायकर Ku Ka Selvam तो स्वीकर की कुर्सी पर जाकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इतना ही नहीं, बवाल इतना बढ़ गया है कि स्पीकर को विधानसभा से सुरक्षित निकालने के लिए मार्शलों की सहायता लेनी पड़ी।

इसी बीच हंगामें को देखते हुए विधानसभा को 1 बजे तक के लिए स्थगित किया गया और हंगामे के बाद स्पीकर विधानसभा से बाहर निकल गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु विधानसभा के प्रेस कक्ष में रखे ऑडियो स्पीकर का कनेक्शन काट दिया गया है।
पन्नीरसेल्वम ने कहा- पहले लोगों की बातों को सुनना चाहिए तब फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। विधायकों को समय देना चाहिए कि वो अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर लोगों की बात सुनें। डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा- फ्लोर टेस्ट किसी और दिन होना चाहिए, जब गवर्नर ने 15 दिनों का समय दिया है तो इतनी जल्दबाजी क्यों? वहीं फ्लोर टेस्ट किसी और दिन कराने की डीएमकी की मांग को स्पीकर ने खारिज किया।
जानकारी के लिए बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटें हैं और विधानसभा में एआईएडीएमके के 134 विधायक हैं, अब बहुमत के लिए 118 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत है। आर नटराज के खिलाफ जाने के बाद भी पलानीसामी गुट का दावा है कि उनके पास बहुमत से 5 ज्यादा 123 विधायकों का समर्थन है। नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पार्टी की महासचिव वी के शशिकला के वफादार माने जाने वाले पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है।