पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के भगोड़े आरोपी मेहुल चौकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। उसने गुयाना में उच्चायोग के पास अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करा दिया है। कई मीडिया संस्थानों को आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि चौकसी ने भारत प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश में नागरिकता छोड़ी है। पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है और देश के सबसे बड़े घोटाले में चोकसी भारत में वांछित है।
दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के कथित मुख्य षड़यंत्रकारियों में से एक एवं भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामा चोकसी ने पिछले साल एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। विदेशी नागरिकता लेने के बाद भारतीय नागरिकों को अपना पासपोर्ट जमा कराना होता है।
सूत्रों ने बताया कि कूटनीतिक एवं कानूनी माध्यमों से चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ सरकार के साथ भारत की बातचीत चल रही है। पिछले साल अगस्त में भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ सरकार से आग्रह किया था। यह आग्रह करने के लिए भारत की ओर से एक टीम को भी एंटीगुआ भेजा गया था।
पिछले साल फरवरी में 13,700 करोड़ रुपए का पीएनबी घोटाला सामने आया था। चौकसी उससे पहले भी विदेश भाग गया था। भारत सरकार की अपील पर इंटरपोल ने पिछले महीने चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। लेकिन इससे पहले ही उसने पिछले साल जनवरी में एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी। फिलहाल चौकसी एंटीगुआ में रह रहा है।
मेहुल चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून का हवाला देते हुए कहा है कि भले ही थोड़ा वक्त लग जाए लेकिन भगोड़ों को वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने आर्थिक भगोड़ कानून को पास किया है। जो भाग गए हैं उन्हें वापस लाया जाएगा। बेशक इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन इन सभी को वापस लाया जाएगा।
Union Home Minister Rajnath Singh on #MehulChoksi : Our govt has passed Fugitive Economic Offenders bill. Those who have fled, will be brought back. It might take some time but they all will be brought back. pic.twitter.com/w3IinkbmlC
— ANI (@ANI) January 21, 2019