चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान मंगलवार को हुई चुनावी हिंसा के मद्देनजर राज्य में अंतिम चरण के मतदान के लिए निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने का अप्रत्याशित फैसला किया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात 10 बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जाएगा। यह प्रतिबंध राज्य की सभी नौ सीटों पर 19 मई को शाम पांच बजे मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं। पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जाएगा। लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए आयोग ने राज्य में निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात 10 बजे से किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है।
चुनाव आयोग के फैसले पर विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के 16 मई की रात 10 बजे चुनाव प्रचार बंद करने के फैसले पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने कहा है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित रैली के कारण प्रचार पर प्रतिबंध देर रात से लागू किया जा रहा है। बता दें कि 16 मई यानी गुरुवार को को मथुरापुर और दमदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैलियां हैं। मायावती ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फेंस कर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
इस दौरान मायावती ने चुनाव आयोग पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो मोदी की प्रस्तावित दो रैलियों के बाद रोक क्यों लगाई? मायावती ने कहा, “चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में आज शाम 10 बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी क्योंकि पीएम मोदी की 2 रैलियां हैं। अगर उन्होंने बैन लगाया है तो सुबह से क्यों नहीं? यह अनुचित है और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।”
Mayawati: Election Commission has banned campaigning in West Bengal, but from 10 pm today just because PM has two rallies in the day. If they had to ban then why not from today morning? This is unfair and EC is acting under pressure pic.twitter.com/s7v0xpvAkO
— ANI (@ANI) May 16, 2019
साथ ही मायावती ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP प्रमुख अमित शाह तथा उनके नेता (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं, योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है… यह बेहद खतरनाक और अन्यायपूर्ण ढर्रा है, जो देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता…’
Mayawati: It is clear that PM Modi, Amit Shah and their leaders are targeting Mamata Banerjee, its planned targeting. This is a very dangerous and unjust trend and one which doesn't suit the PM of the country. pic.twitter.com/ECytD8LmgV
— ANI (@ANI) May 16, 2019
कांग्रेस ने भी अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा की पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में 16 मई की रात को ही चुनाव प्रचार रोकने के फैसले पर सवाल खड़ा किया और दावा किया कि आज ‘लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन’ है क्योंकि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को रैलियों की इजाजत दी।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ‘लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है। पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है।’
Today is a dark day in the history of democracy.
EC’s order on W.Bengal negates the due process under Art 14 & 21 and abdicates its Constitutional duty under Art 324 to ensure level playing field.
This is an unpardonable betrayal of the Constitution!
1/2https://t.co/WdxqfVhBgV— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 15, 2019
साथ ही उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मोदी जी को 16 मई को रैलियों की इजाजत दी गई और दूसरे सभी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया गया। कभी एक स्वतंत्र संवैधानिक इकाई रही संस्था में शर्मनाक गिरावट है।’
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Over 11 complaints filed with EC against PM Modi & Amit Shah- No actionViolence by BJP and intimidation by Amit Shah-No action
Now, permit Modiji’s rallies on 16th & ban all others
This is a shameful fall for a once independent Constitutional Bodyhttps://t.co/WdxqfVhBgV
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 15, 2019
वहीं, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी बीती रात चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, ”अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार तुरंत रोक देना चाहिए। आखिर चुनाव आयोग कल तक का इंतजार क्यों कर रहा है? क्या ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि कल (गुरुवार) प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं?”
If situation in Bengal is so severe that campaigning must be stopped, why is EC waiting until tomorrow? Is it because PM has scheduled rallies tomorrow?
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) May 15, 2019
ममता के करीबी अधिकारी हटाए गए
इस बीच आयोग ने राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है। इसके अलावा आयोग ने पश्चिम बंगाल में तैनात प्रशासनिक सेवा और पुलिस सेवा के दो अधिकारियों को भी सेवामुक्त कर इन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का आदेश दिया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल की खुफिया शाखा (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को सेवा मुक्त कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया है। उन्हें 16 मई को सुबह दस बजे तक मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को भी सेवामुक्त कर उनका प्रभार राज्य के मुख्य सचिव को सौंपने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को शाह के रोड शो के बाद कोलकाता में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसक घटनाओं के कारण राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नाजुक हो गई है। हिंसा के दौरान महान समाज सुधारक और पश्चिम बंगाल के आदर्श पुरुष के रूप में विख्यात ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 19वीं सदी की एक प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त की गई।