मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण करके उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायालय ने दो आरोपियों को मंगलवार(21 अगस्त) को फांसी की सजा सुनाई। आरोपियों की पहचान इरफान और आसिफ के रूप में हुई थी। बता दें कि कोर्ट ने दो महीने के भीतर ही दो युवकों को फांसी की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि मंदसौर में इसी साल 26 जून को इन दों आरोपियों ने सात साल की स्कूली छात्रा को लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था, जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी। गैंगरेप के बाद छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था।
वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी। उसे गंभीर हालत में इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। काफी समय तक आईसीयू में भर्ती रहने के बाद पिछले महीने से वह बाहर आई थी।
यहां शुरुआत में बच्ची की हालत लगातार गंभीर बनी रही। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया था कि हमलावरों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके प्राइवेट पार्ट्स को भीषण चोट पहुंचाई थी। जिसकी वजह से बच्ची को कई सर्जरी से गुजरना पड़ा लेकिन उसने अपना हौसला नहीं खोया।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इरफान और आसिफ को गिरफ्तार किया था। मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोनों आरोपियों पर भादंवि की धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) और पॉक्सो एक्ट से संबधित धाराओं के तहत 10 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था।
बता दें कि बच्ची से बलात्कार के मांमले में मंदसौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में लोगों ने आक्रोशित होकर प्रदर्शन किया था, लोगों की मांग थी कि आरोपियों को फांसी दी जाए। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नाराजगी जताते हुए किसी कब्रिस्तान में जगह न देने की बात कही थी।