पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विमान की लैंडिंग से जुड़े विवाद में नया खुलासा हुआ है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक शीर्ष अधिकारी ने आज (गुरुवार को) कहा कि हाल ही में कोलकाता के ऊपर उड़ान भर रहे तीन विमानों का चालक दल खुद को समय पालन में बेहतर दिखाने के लिए विमान को निर्धारित समय से पहले उतारना चाहते थे इसलिए झूठी चेतावनी देकर शरारत कर रहे थे।
अधिकारी ने उन्हें हटाने की कार्रवाई को सही ठहराया है। अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि तीनों विमानों में दरअसल पर्याप्त ईंधन था और पायलट ने खुद को समय का पाबंद दर्शाने के लिए विमान को जल्दी उतारना चाहते थे।
नागर विमानन महानिदेशालय ने इस बात का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया था कि तीन विमानों में एक ही समय में ईंधन कैसे कम हो गया।
इनमें इंडिगो एयरलाइंस के एक विमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अन्य यात्रियों के साथ सवार थीं। महानिदेशालय ने इसके बाद इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइस जेट के इन विमानों के पूरे कॉकपिट दल को काम से हटाने का निर्देश दिया।
मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया था जब तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसकी नेता ममता बनर्जी को लेकर आ रहे इंडिगो विमान को कम ईंधन के बावजूद उतरने में प्राथमिकता नहीं दी गयी।
भाषा की खबर के अनुसार, अधिकारी ने कहा, ‘‘सभी तीनों विमानों में पर्याप्त ईंधन था, न केवल आसमान में कुछ देर तक ठहरे रहने के लिए बल्कि दूसरे हवाई अड्डे पर भी उतरने के लिए, जो इस मामले में भुवनेश्वर था। उतरने के क्रम में एयर इंडिया छठे नंबर पर था जबकि इंडिगो की उड़ान आठवें नंबर पर थी। स्पाइस जेट का विमान इन तीनों में आखिरी नंबर पर था।’’
गौरतलब है कि निजी एयरलाइन कंपनी का विमान आधे घंटे से अधिक समय तक शहर के आसमान में चक्कर लगाता रहा था।
इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को मारने का एक षड्यंत्र था। पार्टी की ओर से दावा किया गया कि प्लेन में ईंधन की कमी थी। वहीं, हवाईअड्डा अधिकारियों ने कहा था कि विमान ने निर्धारित समय से एक घंटे देरी से उड़ान भरी और तकनीकी कारणों से आसमान में आधे घंटे से अधिक समय तक चक्कर लगाने के बाद उतर गया। अधिकारियों ने कहा था कि किसी भी हवाईअड्डे पर ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है।