पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग की कार्रवाई पर विपक्ष हमलावर हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के इरादे से चुनाव प्रचार एक दिन कम करने का फैसला किया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान मंगलवार को हुई चुनावी हिंसा के मद्देनजर राज्य में अंतिम चरण के मतदान के लिए निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात 10 बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने का अप्रत्याशित फैसला किया है।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग के 16 मई की रात 10 बजे चुनाव प्रचार बंद करने के फैसले पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने कहा है कि गुरुवार को पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित रैली के कारण प्रचार पर प्रतिबंध देर रात से लागू किया जा रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को भाजपा का भाई बताते हुए निशाना साधा है। ममता ने कहा कि पहले चुनाव आयो एक निष्पक्ष निकाय था, लेकिन अब देश का हर शख्स कहता है कि यह बीजेपी के हाथों बिक चुका है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ममता बनर्जी ने राज्य के मथुरापुर में एक सभा के दौरान कहा कि कल रात हमें पता चला कि बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी ताकि हम नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद कोई बैठक न कर सकें। चुनाव आयोग बीजेपी का भाई है। पहले यह निष्पक्ष निकाय था, अब देश का हर शख्स कहता है कि यह बीजेपी के हाथों बिक चुका है। बता दें कि 16 मई यानी गुरुवार को को मथुरापुर और दमदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैलियां हैं।
WB CM Mamata Banerjee in Mathurapur: Last night we came to know that BJP had filed a complaint with EC so that we can't hold any meeting after Narendra Modi's meeting. EC is brother of BJP, earlier it was an impartial body now everyone in the country says EC has sold out to BJP. pic.twitter.com/lWqXHJz6x5
— ANI (@ANI) May 16, 2019
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं। पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जाएगा। लेकिन पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए आयोग ने राज्य में निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात 10 बजे से किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है।
मायावती और कांग्रेस ने भी बोला हमला
वहीं, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने भी गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फेंस कर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान मायावती ने चुनाव आयोग पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का गंभीर आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो मोदी की प्रस्तावित दो रैलियों के बाद रोक क्यों लगाई? मायावती ने कहा, “चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में आज शाम 10 बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी क्योंकि पीएम मोदी की 2 रैलियां हैं। अगर उन्होंने बैन लगाया है तो सुबह से क्यों नहीं? यह अनुचित है और चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है।”
साथ ही मायावती ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP प्रमुख अमित शाह तथा उनके नेता (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं, योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है… यह बेहद खतरनाक और अन्यायपूर्ण ढर्रा है, जो देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता…’
कांग्रेस भी हमलावर
कांग्रेस ने भी अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा की पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में 16 मई की रात को ही चुनाव प्रचार रोकने के फैसले पर सवाल खड़ा किया और दावा किया कि आज ‘लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन’ है क्योंकि आयोग ने प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को रैलियों की इजाजत दी।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा, ‘लोकतंत्र के इतिहास में आज काला दिन है। पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया का अनुपालन नहीं हुआ है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया अक्षम्य विश्वासघात है।’
साथ ही उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मोदी जी को 16 मई को रैलियों की इजाजत दी गई और दूसरे सभी लोगों को प्रतिबंधित कर दिया गया। कभी एक स्वतंत्र संवैधानिक इकाई रही संस्था में शर्मनाक गिरावट है।’
वहीं, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी बीती रात चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, ”अगर बंगाल में स्थिति इतनी ही खराब है तो चुनाव प्रचार तुरंत रोक देना चाहिए। आखिर चुनाव आयोग कल तक का इंतजार क्यों कर रहा है? क्या ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि कल (गुरुवार) प्रधानमंत्री की रैलियां होनी हैं?”
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि ममता दीदी मुझे प्रधानमंत्री नहीं मानती हैं, जबकि बंगलादेश के प्रधानमंत्री को मानती हैं। एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर तंज करते हुये कहा , ‘‘मैं काफी समय से ‘दीदी’ का रवैया देख रहा हूं जिसे अब पूरा देश देख रहा है। देखते हैं पश्चिम बंगाल में दीदी आज मेरी रैली होने देती हैं या नहीं।”