जम्मू कश्मीर में फुटबॉलर से आतंकी बने 20 वर्षीय माजिद खान ने शुक्रवार(17 नवंबर) को सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया है। बता दें कि, माजिद खान की मां ने मीडिया के माध्यम से गुरुवार को ही उसले वापस आने की अपील की थी।

बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के बेहतरीन फुटबॉलरों में शामिल 20 वर्षीय फुटबॉलर माजिद खान ने अपने हाथ में बंदूक थाम ली थी और लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया है। जब माजिद की मां और उसके रिश्तेदार को ये खबर मिली तो उसका पूरा परिवार सकते में आ गया था।
जिसके बाद माजिद की मां ने मीडिया के माध्यम से एक वीडियो में भावुक अपील के जरिए बेटे को वापस लौट आने को कहा था। जिसके चलते माजिद ने आज कश्मीर में सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
#FLASH: Anantnag's 20-year-old footballer who joined LeT recently, has surrendered before security forces in Kashmir (File pic) pic.twitter.com/1RdgVaH0SH
— ANI (@ANI) November 17, 2017
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माजिद के लश्कर में जाने कि सबसे पहली जानकारी कुलगाम एनकाउंटर के दौरान मिली। अनंतनाग का रहने वाला माजिद कुछ दिनों पहले घर से गायब हो गया था। उसके परिवार वाले उसकी तलाश कर ही रहे थे कि इस बीच मंगलवार को खबर आई कि कुलगाम में सुरक्षाबलों ने कुछ आतंकियों को घेर लिया है और इसमें माजिद खान भी शामिल है।
माजिद के पिता को जब बेटे के आतंकी बनने की खबर मिली तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। हालांकि माजिद कुलगाम एकाउंटर में बचकर वहां से भागने से सफल रहा था। इस एनकाउंटर के बाद माजिद खान की एक फोटो सामने आई थी जिसमें वो एके-47 बंदूक पकड़े हुए दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर के जरिए ही ये पता चल पाया कि माजिद अब लश्कर का सदस्य बन गया है।
जिसके बाद उसकी मां ने एक वीडियो जारी कर बेटे से वापस आने की अपील की थी। वीडियो में उसकी मां को कहते हुए सुना जा सकता है कि लौट आओ और हमारी जान ले लो, उसके बाद चले जाना, तुम मुझे किसके लिए छोड़ गए?
ख़बरों के मुताबिक, अक्टूबर महीने के आखिरी दिनों में वह माजिद खान लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था। ऐसा माना जा रहा है कि खिलाड़ी अपने दोस्त यावर निसार शेरगुजरी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के बाद आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था।
शेरगुजरी आतंकवादी था और वह अनंतनाग में अगस्त महीने में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ में मारा गया था। खान ने 29 अक्टूबर को एक फेसबुक पोस्ट के आतंकवादी ग्रुप में शामिल होने के बारे में इशारा किया था। उसने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, जब शौक ए शहादत हो दिल में, तो सूली से घबराना क्या।