दिल्ली के नए उपराज्यपाल अनिल बैजल के नियुक्ति के बाद उम्मीद थी कि केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच टकराव समाप्त हो जाएगा, लेकिन एक बार फिर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए फाइल लौटा दी है।
फाइल लौटाते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि राम किशन ग्रेवाल दिल्ली के नागरिक नहीं है, बल्कि वह हरियाणा के रहने वाले हैं, इसलिए मुआवजा नहीं मिल सकता। बता दें कि राम किशन ग्रेवाल पूर्व सैनिक थे, जिन्होंने एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर नवंबर 2016 में आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ग्रेवाल के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था।
इससे पहले दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई थी, जिसे इसी साल 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि हमें याचिका में कोई आधार नजर नहीं आ रहा है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप ये बताइए सरकार ने किस कानून का उल्लंघन किया है?
याचिकाकर्ता का तर्क था कि खुदकुशी जैसे कदम का महिमामंडन नहीं करना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया था कि ग्रेवाल दिल्ली के निवासी नहीं थे। उन्हें दिल्ली सरकार मुआवजा कैसे दे सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली में सत्ता में आने के बाद केजरीवाल सरकार की नीति के मुताबित दिल्ली में रहने वाले किसी भी फौजी, पैरामिलिट्री और पुलिस के जवान पर ड्यूटी पर मृत़्यु होने पर दिल्ली सरकार उनके परिवार को 1 करोड रुपए का मुआवजा देगी।
यह पहला मौका है जब उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार की कोई फाइल लौटाई है। 31 दिसंबर 2016 को एलजी का पदभार संभालने के बाद से अनिल बैजल के साथ सीएम केजरीवाल का कोई टकराव सामने नहीं आया। उन्होंने केजरीवाल सरकार के सरकारी स्कूल में मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने, गेस्ट टीचरों की सैलरी बढ़ाने जैसे कई फैसलों को हरी झंडी दिखाई।