बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में छात्रा के साथ छेड़खानी के विरोध में पिछले दो दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन शनिवार(23 सितंबर) देर रात हिंसक हो रूप ले लिया। कुलपति आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्र-छात्राओं पर बीएचयू के सुरक्षाकर्मियों ने जमकर लाठीचार्ज किया। इसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने पथराव और आगजनी करना शुरू कर दिया। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की।

छात्रों के जवाबी पथराव में एसपी सिटी समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। परिसर में छात्रों ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के वाहनों में तोड़फोड़ के बाद आगजनी की। मेन गेट बंदकर देर रात उग्र छात्रों ने तोड़फोड़ के साथ ही पुलिस पर पेट्रोल बम चलाए। हालात बिगड़ने पर रात 10:30 बजे एसपी सिटी फोर्स लेकर पहुंचे। फिर पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, उग्र छात्राओं ने एसपी सिटी और सीओ का घेराव किया। तो पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। रात करीब एक बजे लंका गेट पर छात्रों ने कई मोटर साइकिलों में आग लगा दी। हालात काबू में करने के लिए डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने कुलपति जीसी त्रिपाठी से वार्ता की।इस दौरान घायल पांच छात्र-छात्राओं के अलावा दो पुलिसकर्मी और चार बीएचयू सुरक्षाकर्मी को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। एक छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है। परिसर को पुलिस ने घेर लिया था और हॉस्टलों की तलाशी की तैयारी चल रही है। फिलहाल भारी बवाल और आगजनी के बाद 2 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई है। ये जानकारी हिंदुस्तान के हवाले से है।
बीएचयू में पढ़ने वाली छात्राएं कैंपस में हो रही छेड़छाड़ की वारदातों के खिलाफ दो दिनों से धरने पर बैठी थीं। आरोप है कि गुरुवार शाम छह बजे तीन युवाओं ने छात्रा से छेड़छाड़ किया। घटना के बाद छात्र-छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इनकी मांग थी कि वाइस चांसलर मौके पर आकर उनकी समस्याओं को सुनें और उनका समाधान निकालें।