उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (31 मार्च) को गौतमबुद्ध नगर के बिसाहड़ा गांव में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। सीएम योगी की ये रैली विवादों में आ गई थी। उनकी इस रैली में अखलाक हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी पहली कतार में बैठा हुआ दिखा। बता दें कि इसी गांव में साल 2015 में गोमांस रखने की अफवाह की वजह से मोहम्मद अखलाख की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
इस बीच, अखलाक हत्याकांड के आरोपी को योगी आदित्यनाथ की रैली में शामिल होने के सवाल पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अजीबोगरीब बयान दिया है। जब पत्रकारों ने डिप्टी सीएम मौर्य से पूछा कि अखलाक कांड का आरोपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभा मे देखा गया। इस पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “कौन कांड, कौन आरोपी? जो जिंदाबाद का नारा लगा रहा और कमल खिला रहा उन सब का स्वागत है।”
Reporter: अखलाक कांड का आरोपी मुख्यमंत्री के सभा मे देखा गया।
Deputy CM Keshav Maurya: कौन कांड, कौन आरोपी? जो जिंदाबाद का नारा लगा रहा और कमल खिला रहा उन सब का स्वागत है।
It's over to voters now! pic.twitter.com/E5g9B4d5vQ
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) April 2, 2019
द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ की इस रैली में अखलाख को पीट-पीट कर मारने की हत्या में मुख्य अभियुक्त बनाए आरोपी भी देखे गए। विशाल नामक मुख्य अभियुक्त अन्य अभियुक्तों के साथ इस रैली में सबसे पहली पंक्ति में बैठे हुए थे। अखबार के मुताबिक इन अभियुक्तों ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए थे। इसके साथ ही उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अब वे जमानत पर बाहर हैं अब उनके साथ कुछ नहीं होगा।
अखबार के मुताबिक, अखलाक हत्याकांड का मुख्य आरोपी विशाल सिंह सीएम योगी की इसी रैली में पहली कतार में बैठा था। विशाल सिंह बीजेपी के स्थानीय नेता संजय राणा का बेटा है। अखलाक की हत्या के बाद पुलिस ने विशाल को गिरफ्तार किया था, फिलहाल विशाल जमानत पर है। जमानत पर जेल से बाहर चल रहा विशाल अपने साथियों के साथ ना सिर्फ योगी की रैली में आगे की तरफ बैठा था, बल्कि योगी-योगी के नारे भी लगाता दिखा।
The man in white, chanting “Yogi, Yogi” is the prime accused in the Mohd Akhlaq lynching case, out on bail currently.
Spotted in the front row today of the UP CM’s rally in Dadri. pic.twitter.com/Vj6bFcIKEo
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) March 31, 2019
बता दें कि साल 2015 में घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में मृतक के बेटे को भी गंभीर चोट आई थी. जिसके बाद यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए थे। इसी साल 50 से अधिक साहित्यकारों ने अपने पुरस्कार यह कहते हुए वापस कर दिए थे कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में असहिष्णुता बढ़ गई है।