केजरीवाल के निर्देश के बाद भी जनता से नहीं मिल रहे अधिकारी, नाराज CM ने दिया कार्रवाई का निर्देश

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मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश के बावजूद दिल्ली सरकार के अधिकारी जनता की समस्याएं सुनने के लिए समय नहीं दे रहे हैं। केजरीवाल ने गुरुवार(15 जून) को इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव एम एम कुट्टी को ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।केजरीवाल ने कुट्टी को भेजे निर्देश में कहा है कि जनता के माध्यम से सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ अफसर लोगों से मिल ही नहीं रहे हैं। उन्होंने कुट्टी से ऐसे अफसरों की पहचान कर इनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दरअसल, केजरीवाल ने हाल ही में सभी मंत्रियों और अधिकारियों को प्रतिदिन एक घंटे का समय जनता से मिलने के लिए नियत करने को कहा था।

मुख्यमंत्री का यह आदेश एक जून से प्रभावी किया गया है। इसके तहत केजरीवाल सहित सरकार के प्रत्येक मंत्री और विभाग प्रमुख सहित सभी अधिकारियों को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक जनता से मिल कर उनकी समस्याएं सुनना और उनका निराकरण करने को कहा गया था।

केजरीवाल ने निर्देश में कहा कि ‘मैंने अपने पूर्व आदेश में कहा था कि सभी अधिकारी अपने कार्यालय में नियत समय पर जनता से मिलने के लिये उपलब्ध रहेंगे। लेकिन मुझे पता चला है कि तमाम अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं। केजरीवाल ने इसके लिये मुख्य सचिव कुट्टी को ऐसे अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी करने और आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहने का निर्देश जारी करने को कहा है।

इसके अलावा केजरीवाल ने कुट्टी से जनता को मिलने का समय मांगे बिना मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात करने की इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिये कार्यालयों के बाहर जनता से मिलने के समय का स्प्ष्ट उल्लेख करने को कहा है। यह उल्लेख मंत्रियों और अधिकारियों के दफ्तर के बाहर एक तख्ती लगाकर किया जाए। तख्ती पर उस फोन नंबर का भी जिक्र किया जाये जिस पर संबद्ध मंत्री और अधिकारी के गैरमौजूद रहने पर कॉल कर शिकायत की जा सके।

इतना ही नहीं, केजरीवाल ने कुट्टी को जनता द्वारा शिकायतें दर्ज कराने के लिये उपलब्ध कराये जाने वाले टेलीफोन नंबर पर आने वाली कॉल को रिकॉर्ड कर इसका ब्योरा मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने को भी कहा है। उन्होंने जनता तक सरकार की पहुंच सर्वसुलभ बनाने के लिये शुरू की गयी इस पहल को बेहद जरूरी बताते हुये मुख्य सचिव से ताकीद की है कि इसे लागू करने में किसी भी तरह की लापरवाही या व्यवस्था के उल्लंघन को सरकार द्वारा अत्यधिक गंभीरता से लिया जाएगा।

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