दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोे दिल्ली की एक अदालत ने कथित तौर पर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में झूठी जानकारी देने के एक मामले में जमानत दे दी है।
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के मामले में उन्हें कोर्ट से जमानत मिली है। सीएम केजरीवाल को ये जमानत 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर मिली है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।
दिल्ली की एक अदालत ने 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए दाखिल हलफनामे में झूठी सूचनाएं देने के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 24 दिसंबर को अदालत में पेश होने का आज निर्देश दिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवारिया ने इस बात को ध्यान में रखते हुए आप नेता को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया कि जमानत कार्यवाही लंबित है।
Delhi CM #ArvindKejriwal granted bail by Delhi court in a case of allegedly giving false information in 2013 assembly polls.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 24, 2016
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, केजरीवाल पर 2013 में चुनावी शपथ पत्र में गलत पता देने का मामला चल रहा है। केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में खड़े होने के लिए हलफनामे में खुद को दिल्ली का निवासी बताया था।
गौरतलब है कि केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में चुनाव लड़ने के लिए पात्रता हासिल करने की खातिर दिल्ली का गलत पता दिया जबकि वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहते थे। यह आरोप केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले का है।
इस मामले में दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोे दिल्ली की एक अदालत ने कथित तौर पर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में झूठी जानकारी देने के एक मामले में जमानत दे दी है। तब अदालत ने केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया था।
व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट का आवेदन करने संंबंधी आवेदन में केजरीवाल के वकील रिषीकेश कुमार ने दावा किया था कि आरोपी की निजी उपस्थिति बहुत जरूरी नहीं है और उनकी अनुपस्थिति में कार्यवाही प्रभावित हुए बगैर चल सकती है और इससे शिकायतकर्ता गैर सरकारी संगठन मौलिक भारत ट्रस्ट को भी कोई नुकसान नहीं होगा। इस अनुरोध को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।